Gadchiroli: ग्रामीण क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रही पेड़ों की कटाई, गहरी नींद में वन विभाग
अहेरी: राज्य के आखरी छोर पर बसा गड़चिरोली इस जिले को कुदरती वरदान प्राप्त हुआ है. इस जिलें में करीब 78 फिसदी जंगल होने के कारण यह जिला वनों के जंगल के रूप में भी पहचाना जाता है. लेकिन दुसरी ओर इस जिले में वन तस्कर दीमक की तरह वनों को नष्ट करते दिखाई दे रहे है. ऐसा ही एक मामला अहेरी उपविभाग में सामने आया है.
जहां वन तस्कर और जंगल में अतिक्रमण करने का प्रयास करनेवाले लोग पहले पेड़ों पर कुल्हाडी से घाव करते है, बाद भी कुछ माह के बाद पेड़ों की कटाई करते है. लेकिन इस ओर वनविभाग की अनदेखी होने के कारण इस क्षेत्र में जंगल का अवैध तरीके से कटाई का सिलसिला जारी है. जिससे वनविभाग इस ओर गंभीरता से ध्यान दे, ऐसी मांग अहेरी उपविभाग के नागरिकों द्वारा की जा रही है.
मूल्यवान सागौन समेत अन्य पेड़ों की कटाई
अहेरी उपविभाग अंतर्गत अहेरी, भामरागड़, सिरोंचा, एटापल्ली और मुलचेरा तहसील का समावेश है. इनमें से अधिकत्तर तहसीले तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्य से सटी हुई है. जिसके कारण संबंधित राज्यों में इन तहसीलों से मूल्यवान सागौन समेत अन्य पेड़ों की तस्करी होती है. विशेषत: अधिकत्तर सागौन पेड़ों की ही तस्करी की जाती है. वहीं अन्य प्रजाति के पेड़ों की आवश्यकता नुसार ही तस्करी होती है. मगर दुसरी ओर अनेक लोग वनजमीन पर कब्जा अथवा अतिक्रमण करने के लिये पेड़ों की कटाई करते है. इस तरह के मामले पिछले कई वर्षो से जारी है. मगर वन तस्कर और अतिक्रमणधारक जंगल को नष्ट करने के लिये नया तरिका अपना रहे है.
गस्त के साथ जनजागृति जरूरी
जिले में वनसंपदा को नागरिक अपने निजि स्वार्थ के लिये नष्ट करते दिखाई दे रहे है. जिससे इस तरह के मामले रोकने के लिये वनविभाग को जंगल क्षेत्र में अब गस्त करने की आवश्यकता है. इसके अलावा ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र में पहुंचकर लोगों में जंगल का संरक्षण करने के लिये जनजागृति करना आवश्यकता है. साथ ही जंगल की अवैध तरीके से कटाई करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की जा रही है.
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