Gadchiroli: पुलिस नागरिकों के द्वारे, नक्सल प्रभावित जिले में समस्याओं को सुलझाने शुरू हुआ उपक्रम

गड़चिरोली: गड़चिरोली यह जिला संपूर्ण राज्य में नक्सल प्रभावित, आदिवासी बहुल और सबसे पिछड़े जिले के रूप में पहचाना जाता है. इस जिले के दुर्गम और अतिदुर्गम क्षेत्र में आज भी आवश्यकता नुसार बुनियादी सुविधा नहीं पहुंच पायी है. ऐसे में दुर्गम क्षेत्र के लोग अपनी विभिन्न समस्याएं लेकर पुलिस विभाग व तहसील प्रशासन के पास पहुंचते है. लेकिन अब इसके विपरित दिखाई दे रहा है.
पुलिस थाने के अधिकारी व कर्मचारी स्वयं ही आदिवासी लोगों की समस्याएं जानने के लिये आदिवासी गांवों में पहुंच रहे है. गांवों की समस्या जानने के लिये पुलिस अधिकारी गांवों तक पहुंचने से आदिवासी नागरिकों में उत्साह निर्माण होकर अपनी गांवों की समस्याओं की ओर पुलिस अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कर रहे है. साथ ही पुलिस विभाग के इस उपक्रम का आदिवासी गांवों के नागरिकों द्वारा सराहना की जा रही है.
सिरोंचा तहसील के रेगुंठा उपपुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले मुलगीमा यह गांव पुरी तरह आदिवासी बहुल और विकास से काफी दूर है. इस गांव के नागरिक विभिन्न समस्याओं से घिरे हुए है. ऐसे में रेगुंठा पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी विजय सानप के नेतृत्व में रेगुंठा पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी इस गांव के लोगों की समस्या जानने के लिये पहुंचे. वहीं ग्रापं कार्यालय परिसर में नागरिक इकट्टा हुए और पुलिस अधिकारियों को अपनी विभिन्न समस्याओं से रू-ब-रू कराया. जहां पुलिस अधिकारियों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर ग्रामीणों की समस्या हल करने की अपिल की.
अनेक लोगों के नहीं बने राशनकार्ड़
ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराते हुए गांव के अनेक लोगों के राशन कार्ड़ नहीं बनने से नागरिकों को सरकारी अनाज से वंचित रहना पडऩे की बात कही. जिससे प्रभारी अधिकारी वियज सानप ने सिरोंचा के तहसीलदार का ध्यानाकर्षण कर ग्रामीणों के राशनकार्ड़ बनाने की अपिल की. जहां तहसीलदार ने लोगों के राशनकार्ड़ बनाने के लिये सम्मेलन आयोजित कर तथा स्वयं उपस्थित रहकर लोगों को राशनकार्ड़ वितरित करने की बात कही. राशनकार्ड़ की समस्या पुलिस विभाग द्वारा किए जाने से ग्रामीणों ने समाधान व्यक्त किया है.

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