गड़चिरोली के हाथियों को मुकेश अंबानी के ट्रस्ट में भेजे जाने के निर्णय के विरोध में ग्रामसभा ने पास किया प्रस्ताव
गड़चिरोली- गड़चिरोली जिले के कमलापुर,पातानील व ताडोबा और ताडोबा से 13 बुजुर्ग हाथियों को गुजरात के जामनगर भेजे जाने का निर्णय केंद्र के वन विभाग ने लिया है.इस निर्णय के पीछे तर्क दिया गया है बुजुर्ग हो चुके इन हाथियों को उनकी सेवा शुश्रुषा के लिए जामनगर में स्थित 'राधे कृष्ण टेम्पल एलिफन्ट वेलफेयर ट्रस्ट' में भेजा जा रहा है.लेकिन जब से यह निर्णय लिया गया है स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे है.विरोध का यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था जहां निर्णय वन विभाग के पक्ष में आया.इसके बाद हाथियों के स्थलांतरण की प्रक्रिया शुरू हुई.और तीन दिन पहले रात के अंधेरे में तीन हांथियों को गड़चिरोली से ले जाया भी गया.स्थानीय लोग अब भी इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ है इसलिए ग्राम सभा ने एक प्रस्ताव पास किया है. कमलापुर ग्राम पंचायत द्वारा पारित किये गए इस प्रस्ताव में हाथियों के हस्तांतरण का विरोध किया गया है.
गड़चिरोली के इन हाथियों को उद्योगपति मुकेश अंबानी उद्योग समूह के ट्रस्ट द्वारा चलाये जाने वाले 'राधे कृष्ण टेम्पल एलिफन्ट वेलफेयर ट्रस्ट' में भेजें जा रहे है.सरकार के तर्क से इतर ग्रामवासियों का कहना है कि यह निर्णय अप्राकृतिक है.हाथी जिस जंगल के है उन्हें वही रहने देना चाहिए। कमलापूर ग्रामपंचायत के सदस्य व्यंकटेश कडारलावर के मुताबिक कमलापूर के हाथीकैम्प की वजह से न केवल यहाँ पर्यटक आते है बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है.यह फ़ैसला गांव की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर डालेगा। इसलिए हम चाहते है की इस निर्णय को वापस लिया जाये।
ग्रामीणों के इस विरोध का कई सामाजिक संस्थाओं ने भी अपना समर्थन दिया है.जनसंघर्ष समिति के दत्ता शिर्के ने सरकार के इस फैसले पर अपना विरोध दर्ज कराया है.ताडोबा, कमलापूर व पातानील में रहने वाले हाथियों के स्थलांतरण का निर्णय इसी वर्ष मई के महीने में लिया गया था.तभी से नागरिक इसका विरोध कर रहे है.सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि पर्यावरण प्रेमी और एक्टिविस्ट भी इस निर्णय के ख़िलाफ़ है.
स्थानीय नागरिक इस मुद्दे को लेकर लगातार अपना विरोध दर्ज करा रहे है और अब ग्रामसभा ने प्रस्ताव पास कर अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है.नागरिकों का कहना है कि अगर इस फैसले को बदला नहीं जाता है तो वह उग्र आंदोलन करेंगे।
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