सूरजगढ़: नक्सलियों ने विधायक बाबाराव आत्राम और प्रशासन को दी चेतवानी, कहा- बंद करे खनन, नहीं तो हम देखेंगे
गडचिरोली: सूरजगढ़ खनन को लेकर नक्सलियों ने स्थानीय विधायक बाबाराव आत्राम और प्रशसन को धमकी दी है। नक्सलियों ने कहा कि, "नागरिकों के विरोध के बाद भी सूरजगढ़ में खनन का काम किया जारहा है। जल्द से जल्द इसे बंद करें अन्यथा फिर हम देखेंगे। नक्सलियों के प्रवक्ता श्रीनिवास ने इस संबंध में एक पत्र जारी कर यह धमकी दी है।
क्या कहा नक्सलियों ने?
जारी पाने पत्र में नक्सलियों ने कहा, सूरजगढ़ क्षेत्र में आदिवासियों के पारंपरिक देवी-देवता मौजूद हैं। हर साल उस क्षेत्र में एक बड़ी यात्रा आयोजित की जाती है। हालांकि, लोहे के खनन के कारण इस क्षेत्र का अस्तित्व खतरे में है। यहां प्राकृतिक संसाधनों की लूट जारी है। भारी ट्रैफिक के कारण हादसों की संख्या में इजाफा हुआ है। पहाड़ी गाद खेतों और नदी नालों में जमा होने से किसान खतरे में हैं। इससे तंग आकर आदिवासी किसान अजय टोप्पो ने आत्महत्या कर ली। लेकिन सरकार और कंपनी लोगों के विरोध को दबाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग कर रही है। विरोध करने वाले स्थानीय लोगों को जेल भेज दिया गया। पांडु नरोटे को भी उन्हीं कारणों से राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जेल में उनकी मृत्यु हो गई।
हम शुरू से ही इसका विरोध करते आ रहे हैं। इसके लिए कंपनी के एक अधिकारी की हत्या कर दी गई, वाहनों में आग लगा दी गई। लेकिन सरकार ने जगह-जगह थाने लगाकर जबरन खनन का काम शुरू करा दिया। अब खदान का विस्तार किया जाएगा। हम यह सब बर्दाश्त नहीं करेंगे। नक्सलियों ने खदान का काम तत्काल बंद नहीं करने पर अंजाम भुगतने को तैयार रहने की धमकी दी है. इससे संकेत मिल रहे हैं कि पिछले कुछ समय से शांत बैठे नक्सली एक बार फिर से सक्रिय हैं।
भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
स्थानीय विधायक धर्मरावबाबा अत्राम को इस खनन का जिम्मेदार बताया है। नक्सलियों ने अपने पत्र में लिखा, सूरजगढ़ लोहा खदान का काम शुरू करने को लेकर नक्सलियों ने स्थानीय विधायक धर्मरावबाबा अत्राम के खिलाफ फायरिंग भी की है। स्थानीय विरोध के बावजूद विधायक और उनके सहयोगी खदान के समर्थन में थे। नक्सलियों ने धमकी दी है कि अगर वे इन सभी गतिविधियों को बंद नहीं करेंगे तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।
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