महाराष्ट्र का एक गांव ऐसा भी जहां सब कुछ शुरू होने से पहले होता है सामूहिक राष्ट्रगान

गडचिरोली: राज्य एक छोर में स्थित गडचिरोली जिले के मुलचेरा गांव में सामूहिक राष्ट्रगान अब एक परंपरा बन चुकी है.स्कूल,कॉलेज या किसी आयोजन में कामकाज की शुरुवात होने से पहले राष्ट्रगान का गया जाना नियमित प्रक्रिया है लेकिन एक गांव में बाज़ार खुलने से पहले सामूहिक राष्ट्रगान का गया जाना थोड़ा आश्चर्य में डाल सकता है वह भी ऐसे जिले में जो देशविरोधी आंदोलन का गढ़ हो.मुलचेरा गांव में हर दिन सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर सामूहिक राष्ट्रगान किये जाने का ऐलान होता है.
परेड सावधान को घोष होता है उसके बाद जहां तक आवाज जाती है ग्रामीण एक साथ सावधान की मुद्रा में खड़े होकर राष्ट्रगान गाते है.इस दौरान अगर सड़क से कोई वाहन गुजर रहा होता है तो वह भी स्थिर की मुद्रा में हो जाता है.राष्ट्रगीत समाप्त होने के बाद भारत माता की जय का उद्घोष किया जाता है जिसके बाद एक तरह से गांव में कामकाज शुरू होता है.बाज़ार शुरू होता है.
गांव में इस तरह के उपक्रम को शुरू करने की परंपरा को शुरू करने का श्रेय जाता है. मुलचेरा के थानेदार अशोक भापकर की वजह से,15 अगस्त 2022 को ग्रामीणों के समक्ष भापकर ने हर दिन सामूहिक राष्ट्रगान का प्रस्ताव रखा जिसे सब ने स्वीकार किया और तभी से यह एक परंपरा बन गयी.
मुलचेरा थाने के पुलिस निरीक्षक अशोक भापकर के मुताबिक इस उपक्रम को शुरू किये जाने के बाद से यह अनुभव आया है की गांव में आपराधिक मामले कम हुए है और लड़ाई झगड़े के मामलों में बेहद कमी आयी है.इस उपक्रम को शुरू किये जाने की मूल भावना राष्ट्रीयता की भावना को स्थापित करना था लेकिन इसके चलते सामाजिक बदलाव भी दिखाई दे रहे है.
देश में ऐसे तीन गांव है जहां दिन की शुरुवात सामूहिक राष्ट्रगान से होती है.तेलंगाना के नेलगोंडा,राज्य के ही भिलवडी के बाद मुलचेरा भारत का ऐसा तीसरा गांव है जहां यह उपक्रम शुरू किया गया है.

admin
News Admin