logo_banner
Breaking
  • ⁕ नागपुर मनपा चुनाव 2025: आरक्षण लॉटरी का भूचाल! प्रफुल्ल गुडधे, जीतेंद्र घोड़ेवार, रमेश पुणेकर को झटका ⁕
  • ⁕ Buldhana: जलगांव जामोद तहसील में दर्दनाक सड़क हादसा; दो दोस्तों की मौत, एक युवक गंभीर घायल ⁕
  • ⁕ अकोला के शिवनी हवाई अड्डे के विस्तार को मिली सरकारी मंजूरी, कई वर्षों से अटकी थी परियोजना ⁕
  • ⁕ Bhandara: लाखनी में सड़क चौड़ीकरण को लेकर विवाद गहराया, नाना पटोले ने पुलिस और कंपनी अधिकारियों को फोन पर लगाई फटकार ⁕
  • ⁕ Buldhana: दिल्ली बम विस्फोट के बाद पूरे देश में हाई अलर्ट, बढ़ाई गई गजानन महाराज के शेगांव मंदिर में भी सुरक्षा ⁕
  • ⁕ Chandrapur: आखिर वन विभाग ने आदमखोर बाघ को पकड़ा, दो किसानों की मौत के बाद वन विभाग ने की कार्रवाई ⁕
  • ⁕ नक्सली वर्गेश उइका ने आत्मसमर्पण किया, 3.5 लाख का इनाम था घोषित ⁕
  • ⁕ मनपा चुनाव: आरक्षण की घोषणा आज, लॉटरी के माध्यम से आरक्षण होगा तय ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Gadchiroli

Video: गडचिरोली के भामरागढ़ में आई बाढ़ में 36 घंटे फंसा रहा युवक, ग्रामीणों ने किया रेस्क्यू


गडचिरोली: पूर्वी विदर्भ में मूसलाधार बारिश हो रही है। जिसके कारण जिले के नदी नाले उफान पर हैं। सबसे ज्यादा बेकार स्थिति भामरागढ़ सहित दूर-दराजों के इलाकों में हैं। इसी बीच एक बेहद हैरान करने वाली घटना सामने आई है। जहां सब्जी लेकर गांव की तरफ जा रहे दो युवक बाढ़ में फंस गए। इस दौरान एक तैर पर बच गया, वहीं दूसरा युवक फंसा रहा। करीब 36 घंटे पेड़ को पकड़ कर बैठा रहा। जब बारिश थोड़ी कम हुई तो ग्रामीणों ने रस्सी की मदद से उसका रेस्क्यू किया। 

फंसे युवक की पहचान भामरागढ़ के गुंडेनूर के दलसु अदवे पोदादी (22) है। आठ सितंबर को वह सरकारी कागजात लाने के लिए गांव के विलास पुंगती के साथ पैदल लहेरी गया था. उसी दिन लहेरी का साप्ताहिक बाजार लगता था। इसलिए उन्होंने आते समय सब्जियां खरीदीं और पैदल ही निकल पड़े। लेकिन रास्ते में तेज बारिश होने लगी. जैसे ही अंधेरा हो गया, उन्होंने लाहेरी से बिनागुंडा मार्ग पर गुंडेनूर नाले के पास पड़ी एक टिन की चादर वाली नाव में बाढ़ के पानी को पार करके गुंडेनूर जाने का फैसला किया।

हालाँकि, कुछ दूरी पर पानी का वेग बढ़ गया और नाम उलट गई। इसी समय विलास पुंगती तैरकर बाहर आ गये। हालाँकि, दलसु पोदादी बह रही थी। दलसू के गायब होने के बाद विलास पुंगती किसी तरह गांव पहुंचे और बताया कि दलसू पानी में बह गया है. इधर जब दलसू पानी में बह रहा था तो एक पेड़ नदी की धारा में आ गया।

वह इस पेड़ पर बैठ गया. वह 36 घंटों से इसी पेड़ पर बैठकर मदद मांग रहा था। पानी कम नहीं हो रहा था, नाले के पास कोई सड़क नहीं थी, इसलिए वह किसी से मदद नहीं मांग सका। हालांकि, 36 घंटे बाद जब गांव के युवा उसे ढूंढते हुए पहुंचे तो उसे एक पेड़ पर बैठा हुआ पाया। युवक बहादुरी से पानी में उतरकर उसके पास पहुंचे और रस्सी की मदद से बाहर निकाला।