बायोमाइनिंग की प्रक्रिया को लेकर मनपा ने केंद्र सरकार को भेजा प्रस्ताव, मंजूरी मिलने के बाद हर साल बचेंगे 90 करोड़

नागपुर: भांडेवाडी में डंप कचरे पर बायोमाइनिंग की प्रक्रिया के लिए महानगर पालिका ने केंद्र सरक़ार को प्रस्ताव भेजा है। महानगर पालिका को उम्मीद है उसके प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी और डम्पिंग यार्ड में अब भी डंप पड़े करीब 12 लाख मेट्रिक तन कचरे के लिए बायोमाइनिंग की प्रक्रिया के लिए लगने वाली निधि केंद्र सरकार के माध्यम से उपलब्ध होगी। इस बात की जानकारी मनपा उपयुक्त राम जोशी ने गुरुवार को दी।
शहर के एकलौते डम्पिंग यार्ड में सालों से डंप पड़े कचरे पर प्रक्रिया शुरू है। 25 लाख मेट्रिक टन कचरे में से 13 लाख मेट्रिक टन कचरे पर बायोमाइनिंग की प्रक्रिया के लिए नागपुर महानगर पालिका ने ही लगभग 90 करोड़ रूपए खर्च किया है। लेकिन स्वच्छ भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार ने कचरे की प्रक्रिया के लिए निधि दिए जाने का निर्णय लिया है।
इसके तहत केंद्र सरकार ने नागपुर मनपा से प्रस्ताव मांगा था। जिसके अनुसार, मनपा ने अपना प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। जिसके बाद केंद्र की ओर से नियुक्त तकनीकी एजेंसी ने नागपुर के डम्पिंग यार्ड का दौरा भी कर लिया है। महानगर पालिका ने अपना मनपा प्रशासन को उम्मीद है की जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जायेगी।
वर्तमान में मनपा एक मीट्रिक टन कचरे की बायोमिनिंग के लिए 750 रुपये खर्च करती है। वहीं स्वच्छ भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार ने इसके लिए 550 रुपये तय किया है। इसके तहत मनपा ने जितना पैसा खर्च किया है, उसमें से 80 करोड़ के आस-पास पैसा वापस मिल जाएगा। वहीं अगर यह प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो एक तरफ जहां मनपा के पैसे बचेंगे और दूसरे तरफ उन पैसों को विक्स के कही और काम में लगाया जा सकता है।
डेढ़ साल में भांडेवाडी होगा खाली
उपयुक्त राम जोशी ने बताया कि, “अभी तक मनपा ने 55 एकड़ का इलाका खाली करा लिया गया है। वहीं अगर केंद्र सरकार भेजे प्रस्ताव को मंजूरी देती है तो आने वाले डेढ़ साल में हम बचा हुआ कचरा पूरी तरह समाप्त कर देंगे और जगह को मुक्त कर देंगे।”

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