नागपुर की 75 वर्षीय वृद्ध महिला कलाकार ने एम्ब्रॉयडरी आर्ट के माध्यम से तैयार की चित्र गीता
नागपुर - नागपुर शहर के देव नगर में रहने वाली 75 साल की वृद्ध महिला माधवी बोरीकर .. सामान्य तह जिस उम्र में इंसान शारीरिक दिक्कतों से जूझता है उस उम्र में माधवी अपने कलात्मक गुणों के नए-नए आयामों को तलाशने में लगी है.. उन्होंने एम्ब्रॉयडरी आर्ट के माध्यम से चित्र गीता तैयार की है,इस तरह का प्रयोग करने वाली वो शायद पहली महिला है… उनके इस गुण को कई गणमान्य लोगों से भी सराहा है… चित्र गीता पर आधारित उनकी पुस्तक भी प्रकाशित हुई है... जिसे उन्होंने नाम दिया है "कले कडून अध्यात्म कड़े" इस पुस्तक में श्रीमदभगवत गीता के विभिन्न अध्यायों के श्लोकों और विवरणों के आधार पर उन्होंने इन चित्रों को तैयार किया है... खास है की ऐसा उन्होंने सिर्फ शौकिया तौर पर किया इसके लिए उन्होंने,कहीं से भी कला की शिक्षा-दीक्षा नहीं ली है.
75 वर्ष की आयु में भी उनका कला सृजन का क्रम निरंतर जारी है.....वो सिर्फ एम्ब्रॉयडरी आर्ट के माध्यम से कलाकृति तैयार नहीं करती बल्कि रंगोली,पेंटिंग,अन्य कलात्मक सामग्रियों के निर्माण का भी काम करती है.... यह क्रम लंबे समय से चलता आ रहा है उन्होंने एक ग्रहणी की जिम्मेदारी को निभाते हुए जो समय मिला उसका इस्तेमाल कर अपनी कला गुणों को निखारने और सृजन में लगाया।
माधवी अब भी अपनी कला साधना में व्यस्त रहती है.... वो ऐसी उम्र में है जिस उम्र में शरीर की अपनी दिक्कतें होती है। .. बावजूद इसके एक्टिव्ह है ऐसे समय में जब वरिष्ठ नागरिकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने का सामाजिक और सरकारी प्रयास शुरू है वो उदाहरण है की वरिष्ठ नागरिक कैसे खुद को व्यस्त ऱखकर मस्त रह सकते है.
माधवी बोरीकर द्वारा तैयार की गयी.... चित्र गीता पुस्तक अमेज़ॉन पर भी उपलब्ध है इसके साथ वह ऐसी पुस्तक को तैयार करने के लिए लिम्बा बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने की तैयारी में भी है... इतना ही नहीं उन्होंने ज्ञानेश्वरी समेत कई पुस्तकों को अपने हाथो को लिखा है और इनके लिए चित्र भी तैयार किये है..इस उम्र में भी उनकी यह ऊर्जा वरिष्ठजनों के लिए प्रेरणादायक है.
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