- दिव्येश द्विवेदी, सीनियर रिपोर्टर
नागपुर: सोमवार को नागपुर शहर फिर एक बार पानी-पानी हो गया. वजह अधिक बारिश, मौसम विभाग 24 घंटे के भीतर 64 मिलीमीटर से अधिक बारिश को हैवी रेन फॉल की श्रेणी में रखता है. बारिश के मौसम में अगर 50 एमएम से अधिक बारिश शहर में हो जाती है तो शहर का ड्रेनेज सिस्टम पानी की निकासी की व्यवस्था को संभालने में ध्वस्त साबित हो जाता है. जिसका नतीजा शहर की सड़के पानी में डूब जाती है. ऐसा क्यों होता है इसके लिए कई तरह की वजहें है? प्रमुख और सबसे बड़ी वजह तो यह है की जिस तरह से शहर का विस्तार हुआ उस रफ़्तार से बरसाती पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं हुई. यह समस्या बड़ी है लेकिन इस पर लीपा पोती का दौर जारी है.खास यह भी है की इसके लिए सिर्फ एक विकास एजेंसी जिम्मेदार नहीं है हालाँकि नागपुर में यह समस्या उत्पन्न होने पर ठीकरा नागपुर महानगर पालिका पर फोड़ दिया जाता है. क्यूँकि मनपा पालक एजेंसी है.
. नागपुर शहर में सड़कों पर जल जमाव की स्थिति के लिए एक्सपर्ट ग़लत रोड इंजीनियरिंग को ज़िम्मेदार मानते है
. सामान्यतः जितना ध्यान सड़क के निर्माण पर ध्यान दिया जाता है उतना ध्यान ड्रेनेज लाइन पर नहीं दिया जाता
. सड़क निर्माण के समय कोशिश यह रहती है की इसकी ऊंचाई समतल रहे लेकिन शहर के कई भागों में ऊँची-नीची सड़के है
. ड्रेनेज लाइन एक सामान नहीं होती कही इसकी ऊंचाई अधिक तो कही कम हो जाती है
. ड्रेनेज लाइन में कचरे के जमा हो जाने के चलते पानी के निकासी की रफ़्तार कम हो जाती है
. नागपुर शहर की कई बस्तियां जिनका निर्माण नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा किया गया है वहां जलजमाव की स्थिति गलत प्लानिंग का नतीजा है
मेट्रो के कारण बढ़ी समस्या
शहर में कई तरह के काम करने के लिए कई एजेंसियां है. बीते दिनों मेट्रो के हुए काम के बाद समस्या बढ़ी है. जानकर मानते है की इतने बड़े प्रोजेक्ट के बाद पानी की निकासी के लिए व्यवस्था को बेहतर किया जाना था जिस पर ध्यान नहीं दिया गया. मेट्रो के स्टेशन में जमा होने वाले पानी की निकासी बेढंग तरीके से सड़क पर ही हो रही है जिसका नमूना सोमवार को हुई बारिश के बाद देखा गया. क़ायदे ने मेट्रो को जल निकासी वाली पाइपलाइन को ड्रेनेज सिस्टम से जोड़ना था लेकिन इसे सड़क पर ही छोड़ दिया गया.
आयुक्त ने एजेंसियों को जारी किया था नोटिस
जुलाई-अगस्त के महीने में हुई भारी बारिश के बाद शहर में जलजमाव की खड़ी हुई स्थिति के बाद नागरिकों का गुस्सा महानगर पालिका पर फूटा। लेकिन आयुक्त इस समस्या के लिए सिर्फ मनपा को जिम्मेदार नहीं मानते उनके मुताबिक इस समस्या में सारी एजेंसियों की हिस्सेदारी है जिसे सबको लेना पड़ेगा और समाधान भी खोजना पड़ेगा। इसी के चलते 8 जुलाई 2022 आयुक्त ने शहर में काम करने वाली विकास एजेंसियों को एक नोटिस जारी का जनजामाव की स्थिति को दुरुस्त करने की ताकीद दी थी। लेकिन अफ़सोस इस पर किसी ने भी अमल नहीं किया। आयुक्त ने अपने नोटिस में 15 दिन के भीतर सभी एजेंसियों को एक्शन टेकन रिपोर्ट जमा कराने के लिए कहां था लेकिन सिर्फ सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग ने इसका जवाब दिया। जबकि मेट्रो,एनआईटी,एनएचएआई जैसी एजेंसियों ने न इस नोटिस पर कार्रवाई की और न ही जवाब दिया।
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