विधायक सुधाकर अडबाले समेत 15 पर मामला हुआ दर्ज, दो गिरफ्तार

चंद्रपुर: सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने के कारण शिक्षक विधायक सुधाकर अडबाले समेत 15 लोगों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है, जिनमें से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे समाज के वंचित और पीड़ित तबके के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि अब किसी मांग को लेकर आंदोलन करते समय नारेबाजी आखिर किसके खिलाफ की जाए।
यह आंदोलन भद्रावती स्थित ग्रेटा कंपनी के खिलाफ किया जा रहा था। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद परियोजना प्रभावितों के आंदोलन को नया मोड़ मिलने की संभावना जताई जा रही है। आंदोलन की दिशा तय करने के लिए विधायक सुधाकर अडबाले की अगुवाई में एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें परियोजना प्रभावितों ने भद्रावती थाना प्रभारी अमोल काचोरे के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी है। उनका आरोप है कि पुलिस सरकार के इशारे पर आंदोलनकारियों पर दबाव बना रही है और सवाल उठाया जा रहा है कि पुलिस यह कार्रवाई किसके आदेश पर कर रही है।
तीस साल पुरानी जमीन का विवाद
भद्रावती तहसील में करीब 30 साल पहले निप्पॉन डेंड्रो कंपनी ने किसानों की जमीन अधिग्रहित की थी, लेकिन यह परियोजना शुरू नहीं हुई। अब इस जमीन का कुछ हिस्सा ग्रेटा कंपनी को सौंप दिया गया है, जिससे प्रभावित लोग अधिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं और आंदोलन कर रहे हैं। बुधवार को तेलवासा मार्ग पर आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें वासुदेव ठाकरे, प्रवीण सातपुते, अनुप खुटेमाटे, मधुकर सावनकर समेत 15-20 लोग मौजूद थे।
पुलिस का आरोप और मामला दर्ज
बैठक के दौरान नारेबाजी, भड़काऊ भाषण और कंपनी के बोर्ड की तोड़फोड़ की गई। पुलिस का आरोप है कि सरकार विरोधी नारे लगाकर महाराष्ट्र पुलिस कानून का उल्लंघन किया गया। इस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 135 (महाराष्ट्र पुलिस कानून) के तहत भद्रावती थाना में शिकायत दर्ज कराई गई। साथ ही, आंदोलनकारियों पर कंपनी के एक कर्मचारी को रास्ते में रोककर मारपीट करने का भी आरोप है। इस शिकायत के आधार पर विधायक सुधाकर अडबाले समेत अन्य लोगों के खिलाफ धारा 115 (2), 189(2), 190, 191(2), 296, 351 (2), 49, 127(2), 324 (4) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के खिलाफ शिकायत
निप्पॉन परियोजना से प्रभावित बापूराव बाधुजी सोयाम, वासुदेव ठाकरे, प्रवीण सातपुते, आकाश जुंघरे और संदीप खुटेमाटे ने पुलिस अधीक्षक के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भद्रावती थाना प्रभारी अमोल काचोरे ने बिना किसी पूर्व सूचना के लोगों को हिरासत में लिया और जातिसूचक गालियां दीं। उन्होंने काचोरे को निलंबित करने की मांग की, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
विधायक ने कहा, “परियोजना प्रभावितों की मांगों को लेकर बैठक बुलाई गई थी। सरकार से नारेबाजी करना हमारा अधिकार है। लेकिन पुलिस हमें अप्रत्यक्ष रूप से धमका रही है कि सरकार के खिलाफ कुछ भी न कहें। हम इस दमनकारी नीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

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