मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पहली बार एक ही मंच पर फडणवीस-मुनगंटीवार, भाजपा में चर्चाओं का दौर तेज

- पवन झबाडे
चंद्रपुर: महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पहली बार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार एक ही मंच पर नजर आए। चंद्रपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई और उन्होंने खुलकर बातचीत की। इस घटना के बाद भाजपा के आंतरिक राजनीति में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
मंत्रिमंडल से मुनगंटीवार को बाहर क्यों रखा गया?
यह माना जा रहा था कि सुधीर मुनगंटीवार को फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल में स्थान मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्हें जगह न मिलने के कारण पार्टी के अंदरूनी विरोधियों ने उनका 'करैक्ट प्रोग्राम' किया, ऐसी चर्चा जोरों पर थी। इस वजह से फडणवीस और मुनगंटीवार के रिश्तों को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही थीं।
फडणवीस के कार्यक्रमों से दूर रहते थे मुनगंटीवार?
इससे पहले चंद्रपुर जिले में आयोजित फडणवीस के कार्यक्रमों में मुनगंटीवार की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े किए थे। क्या वह फडणवीस के मंच से बच रहे थे? यह सवाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ था। इससे ऐसा लग रहा था कि दोनों नेताओं के बीच कुछ दूरी बन गई है।
अब दोनों एक साथ, आखिर क्या बदला?
हालांकि, इस कार्यक्रम में जब फडणवीस और मुनगंटीवार एक मंच पर आए और खुलकर बातचीत की, तो तमाम कयास धरे रह गए। दोनों नेताओं को हंसते हुए और सौहार्द्रपूर्ण माहौल में बातचीत करते देख, भाजपा के कई नेताओं की भौहें तन गईं, जबकि कुछ नेता असहज महसूस करने लगे।
भाजपा में अंदरूनी राजनीति गरमाई
फडणवीस और मुनगंटीवार के राजनीतिक समीकरणों को लेकर पहले भी कई चर्चाएं हो चुकी हैं। लेकिन इस कार्यक्रम के बाद उनके रिश्ते फिर से मजबूत हो रहे हैं या नहीं, इस पर बहस तेज हो गई है। भाजपा के कुछ नेताओं में इस घटनाक्रम को लेकर बेचैनी बढ़ गई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा में आंतरिक गुटबाजी किस दिशा में जाती है और भविष्य में मुनगंटीवार को पार्टी में किस प्रकार की भूमिका मिलती है।

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