logo_banner
Breaking
  • ⁕ Gondia: गोल्ड सप्लायर का ‘गोल्डन सफर’ ख़त्म! रेलवे पुलिस ने बैग से जब्त किया करीब सही तीन करोड़ का सोना ⁕
  • ⁕ Yavatmal: नगरवाड़ी के बाहरी इलाके में गांजे की खेती, करीब दो लाख रुपये का गांजा जब्त ⁕
  • ⁕ बुधवारी बाजार EV चार्जिंग स्टेशन परियोजना शुरू; स्थल की सफाई, ध्वस्तीकरण और अतिक्रमण हटाने पर चर्चा ⁕
  • ⁕ सुजात आंबेडकर ने रिपब्लिकन एकता की बात करने वाले आंबेडकरवादी नेताओं पर कसा तंज, कहा - अपनी पार्टी का वंचित में कर लीजिए विलय ⁕
  • ⁕ केंद्रीय राज्यमंत्री अठावले ने आत्मसमर्पित नक्सली नेता भूपति को दिया RPI में शामिल होने का न्योता, कहा- सभी हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौटें ⁕
  • ⁕ दीवाली से पहले नागपुर की यात्रा हुई महंगी; पुणे, मुंबई और हैदराबाद सहित सभी रूटों पर किराये में वृद्धि ⁕
  • ⁕ एसटी कर्मियों को दिवाली भेंट: 6,000 बोनस और 12,500 अग्रिम, वेतन बकाया हेतु सरकार 65 करोड़ मासिक फंड देगी ⁕
  • ⁕ विदर्भ सहित राज्य के 247 नगर परिषदों और 147 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित, देखें किस सीट पर किस वर्ग का होगा अध्यक्ष ⁕
  • ⁕ अमरावती में युवा कांग्रेस का ‘आई लव आंबेडकर’ अभियान, भूषण गवई पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ⁕
  • ⁕ Gondia: कुंभारटोली निवासियों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर नगर परिषद पर बोला हमला, ‘एक नारी सबसे भारी’ के नारों से गूंज उठा आमगांव शहर ⁕
Amravati

Amravati: भूमिगत सीवरेज परियोजना पर भिड़े विधायक सुलभा खोडके और सुनील देशमुख, जमकर हुआ वार-पलटवार


अमरावती: विधायक सुलभा खोडके ने जहां दावा किया है कि पिछले ढाई दशक से अटकी पड़ी भूमिगत सीवरेज परियोजना के लिए 1700 करोड़ रुपये की कार्ययोजना प्रस्तावित की गई है, वहीं पूर्व राज्यमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने इसकी आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है। लिपिकीय उपलब्धि. अब दोनों नेताओं के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है।

डॉ. सुनील देशमुख ने भूमिगत सीवरेज योजना में तेजी लाने की मांग को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में एक जनहित याचिका दायर की है। इस पृष्ठभूमि में विधायक सुलभा खोडके ने दावा किया था कि अमृत योजना के दूसरे चरण में इस योजना के लिए 1,700 करोड़ रुपये की कार्ययोजना प्रस्तावित की गई है और यह योजना जल्द ही पूरी हो जाएगी। डॉ. देशमुख ने इस पर प्रतिप्रश्न किया था कि उन्होंने क्या किया उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस योजना के लिए धन जुटाया था।

डॉ. देशमुख ने सुलभा खोडके के इस दावे की आलोचना की है कि 'बोलाचाचा भात और बोलाचाचा कढ़ी' झूठ है। उन्होंने अपने कार्यकाल के पिछले पांच वर्षों के दौरान भूमिगत सीवरेज परियोजना पर अत्यंत निष्क्रिय रहने के लिए खुद का बचाव करने का हताशापूर्ण प्रयास किया है। इसके विपरीत, 2018 में, केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित अमृत अभियान के तहत अमृत योजना के तहत 87 करोड़ रुपये का अंतिम कार्य मेरे प्रयासों से स्वीकृत हुआ। डॉ. देशमुख ने कहा है कि पिछले छह वर्षों में सुलभा खोडके स्वीकृत कार्य को भी सफलतापूर्वक पूरा करने में विफल रही हैं, नये कार्य को मंजूरी देना तो दूर की बात है।

हम इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने के लिए तैयार हैं। डॉ. देशमुख ने हमें चुनौती दी है कि हम इस बात पर भी चर्चा करें कि हमने इस योजना के लिए कितना धन जुटाया है। प्रेस विज्ञप्ति में यह भी उल्लेख नहीं किया गया है कि खोडके ने पिछले पांच वर्षों में कितनी धनराशि जुटाई है। साथ ही उन्होंने बड़े जोर-शोर से घोषणा की थी कि सिंभोरा से अमरावती तक मुख्य जलमार्ग के लिए 850 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। अच्छा होगा कि अमरावती के लोगों को बताया जाए कि इसका क्या हुआ, ऐसा डॉ. देशमुख ने कहा।

हमारे प्रयासों से सरकारी खर्च पर 25,000 संपत्तियों के कनेक्शन के लिए 59.56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। पूरे देश में यह एकमात्र ऐसा उदाहरण है जहां सरकारी खर्च पर संपत्ति मालिकों पर कोई बोझ डाले बिना मुफ्त कनेक्शन के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। हालांकि, पिछले पांच सालों में प्रशासन इनमें से केवल सात से आठ हजार संपत्तियों को ही जोड़ पाया है। लेकिन डॉ. देशमुख ने कहा है कि यह वास्तव में दुखद है कि पिछले पांच वर्षों में कोई भी काम पूरा नहीं हुआ।