नागपुर जिला परिषद् सर्कल रचना पर घमासान; प्रशासन को मिली 53 आपत्तियां, 5 अगस्त को होगी सुनवाई

नागपुर: जिला परिषद की सर्कल रचना को लेकर एक सर्कल घटने पर सियासी घमासान मचा हुआ है। जिन क्षेत्रों से सर्कल हटाए गए हैं, वहां के नेताओं में नाराज़गी है, वहीं 53 आपत्तियाँ दर्ज कर चुनाव आयोग को पुनर्विचार के लिए मजबूर होना पड़ा है। आयोग ने अब 5 अगस्त को सुनवाई की तारीख तय की है, जिससे जिले की राजनीतिक हलचल और तेज़ हो गई है।
नागपुर ज़िला परिषद की सर्कल रचना में बदलाव ने जिले की राजनीति में भूचाल ला दिया है। हाल ही में की गई सर्कल पुनर्रचना में एक सर्कल कम कर दिया गया, जिससे अब ज़िले में 58 की जगह 57 सर्कल ही रह गए हैं। इस एक सर्कल की कटौती ने नेताओं के सियासी समीकरण बिगाड़ दिए हैं। जिस नेता का सर्कल खत्म हुआ है, उसे अब नए क्षेत्र में तालमेल बिठाना पड़ेगा, नई रणनीति बनानी पड़ेगी और यही बात कई नेताओं को नागवार गुज़री है।
इसी को लेकर ज़िला प्रशासन के पास अब तक 53 आपत्तियाँ दर्ज की जा चुकी हैं, जिन पर अब 5 अगस्त को सुनवाई होगी। आयोग की तरफ से सभी संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं और उन्हें तय समय पर उपस्थित होकर अपनी आपत्ति दर्ज कराने का मौका दिया गया है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस सर्कल रचना में कई स्थानों पर वोटरों का संतुलन बिगड़ा है। जिन क्षेत्रों में नेताओं का मजबूत आधार था, उन जगहों को काट-छांटकर दूसरे क्षेत्रों में मिला दिया गया है। यही कारण है कि सर्कल हटने या नाम बदलने की संभावनाओं को लेकर अब गहन जांच और मांगें उठ रही हैं। साथ ही दो सर्कलों के नामों में भी बदलाव की चर्चा है, जहां मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है, वहां नाम फेरबदल के आसार जताए जा रहे हैं।
नेताओं की नाराज़गी, जनता की आशंका और आयोग की सुनवाई। इस पूरे घटनाक्रम ने ज़िले की राजनीति को नई करवट दे दी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 5 अगस्त के बाद आयोग क्या अंतिम निर्णय सुनाता है, और किसका सर्कल बचेगा और किसका सियासी ज़मीन से संपर्क टूटेगा।

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