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तीर्थ क्षेत्र दर्शन योजना बंद, सरकार बनने के बाद नहीं हुई शुरू; चुनाव के लिए थी योजना, उठने लगे सवाल


नागपुर: विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई मुख्यमंत्री की तीर्थदर्शन यात्रा आचार संहिता लागू होने के बाद से बंद है और नए आवेदनों की स्वीकृति अभी तक शुरू नहीं हुई है. चुनाव से पहले राज्य के 6500 वरिष्ठ नागरिकों ने योजना का लाभ उठाया और तीर्थ दर्शन किए। वहीं राज्य में नई सरकार के गठन होने के बावजूद अभी तक योजना को दोबारा शुरु नहीं किया गया है। नए आवेदन है उसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है। जिसके बाद से सवाल उठने लगे हैं कि, योजना केवल चुनाव के लिए थी क्या?

लोकसभा चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ महायुति को बड़ा झटका लगा है. इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना और लड़की बहिन योजना सहित कई अन्य योजनाओं की घोषणा की। इन योजनाओं का लाभ भी मिलने लगा। हालाँकि, 15 अक्टूबर 2024 को विधानसभा चुनाव आचार संहिता के कारण सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग के तहत मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के लिए नए आवेदन रोक दिए गए थे। आचार संहिता खत्म होने के बाद अभी तक आवेदन स्वीकार करना शुरू नहीं हुआ है। 

नए आवेदन स्वीकार करने संबंध में शासन से कोई आदेश नहीं 

राज्य में देवेंद्र फडणवीस सरकार बनने के बाद से योजना के दोबारा शुरू करने की आशा जताई जा रही है। माघ का महीना और महाकुंभ क्षेत्र होने के कारण बड़ी संख्या में लोग योजना के तहत आवेदन कर रहे हैं। हालांकि, आचार संहिता खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के आवेदन स्वीकार करने को लेकर सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं आया है। अधिकारियों  ने कहा कि, आदेश मिलते ही आवेदन स्वीकार कर लिये जायेंगे।

प्रति व्यक्ति खर्च 30 हजार रुपये

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत जिलेवार निर्धारित कोटे के आधार पर लॉटरी के माध्यम से चयनित पात्र व्यक्ति एक समय में निर्धारित तीर्थ स्थलों में से किसी एक की तीर्थ यात्रा का लाभ ले सकते हैं। इसमें वास्तविक यात्रा, भोजन, आवास आदि शामिल हैं। यात्रा व्यय की अधिकतम सीमा 30 हजार रुपये प्रति व्यक्ति है और यह व्यय सरकार द्वारा वहन किया जाता है। राज्य में अब तक 9 जिलों के कुल 6500 वरिष्ठ नागरिकों को इसका लाभ मिला है।

73 तीर्थस्थल शामिल

वैष्णोदेवी मंदिर, यमुनोत्री मंदिर, उत्तरकाशी कामाख्यादेवी मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन, अमरनाथ गुहा, वैद्यनाथ धाम, देवघर, गुवाहाटी ओंकारेश्वर मंदिर, ममलेश्वर मंदिर (खंडवा), ब्रह्मपुरी सुवर्ण मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, महाबोधी मंदिर, श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, वाराणसी रणकपूर मंदिर, पाली गोमटेश्वर मंदिर, श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर ऐसे 73 क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

योजना के लिए पात्रता:

  • लाभार्थी को महाराष्ट्र राज्य का निवासी होना चाहिए।
  •  केवल 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक ही पात्र हैं।
  • लाभार्थी के परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।