बोगस बीजो को लेकर अपने ही मंत्री से भिड़े भाजपा विधायक, कंपनियों को बचाने का लगाया आरोप, अधिकारियो पर कार्रवाई करने की मांग
वर्धा/मुंबई: विदर्भ सहित राज्य में खरीफ की बुवाई शुरू है। किसान अपने खेतों में बीजों की बुवाई में लगे हुए हैं। हालांकि, इस दौरान बोगस बीज एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। बोगस बीजों के कारण किसान मुश्किल में हैं। मंगलवार को यह मुद्दा विधानसभा में उठाया गया। देवली विधायक राजेश बकाने ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया और बोगस बीजों का निर्माण करने वाली कंपनी और उनको बचाने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की। इस दौरान राज्यमंत्री आशीष जायसवाल ने जवाब दिया। हालांकि, संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विधायक मंत्री से भीड़ गए। इस दौरान तमाम विधायकों ने मामले की जाँच के लिए समिति का गठन करने और सत्र समाप्त होने के पहले कार्रवाई की मांग की।
दरअसल, वर्धा जिले में बोगस बीजों के कई मामले सामने आए हैं। इसको देखते हुए किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। इसी को लेकर मंगलवार देवली विधानसभा सीट से विधायक राजेश बकाने ने यह मुद्दा उठाया। बकाने ने कहा, "किसानों को सपना दिखाकर बोगस बीज दिया जा रहा है। और सीड्स कंपनियों की निकम्मेपन के कारण किसान मुश्किल में फंस गए हैं।"
हैदराबाद स्थित सोनम सीड्स प्राइवेट लिमिटेड और वरुण सीड्स एंड एग्रोटेक बीज वितरक कंपनी का जिक्र करते हुए बकाने ने आगे कहा कि, दोनों कंपनियों ने तेजस्वी नामक बीज को श्री गणेशा के नाम से बेचा। जो बीजो को बेंचा गया उसका नाम सरकारी आकड़ो में कोई चिन्हित नहीं है। किसानों को फंसाने का आरोप लगाते हुए विधायक ने कहा, "इन कंपनियों माध्यम से 3500 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है। जिसका सारथी एप पर रजिस्ट्रेशन नहीं है। इस दौरान भाजपा विधायक ने कंपनियों करने की मांग करते हुए कहा कि, बोगस बीजो के माध्यम से एक हजार हेक्टर फसल ख़राब होने की आशंका है।
मुर्तिजापुर से विधायक हरीश पिम्पले ने कहा, "सोयाबीन के बोगस बीज दिए गए इसका मतलब कंपनी ने किसानों के साथ फ्रॉड किया है। सम्बंधित कंपनी पर फ्रॉड का मामला दर्ज करने की मांग करते हुए पिंपले ने कहा, "दूसरी बार बुवाई में सही से फसल नहीं आती, जिससे किसानों का नुकसान होता है। भले ही कंपनी ने बीज वापस ले लिया हो लेकिन और जो काम किया हुआ उसमें किसानों का खर्च हुआ है। इस बोगस बीजों के कारण किसानों का 50 हजार रुपये हेक्टर नुकसान हुआ है। किसानों को नुकसान की भरपाई करते हुए भाजपा विधायक ने ऐसे अधिकारीयों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
कृषि आयुक्त की अगुवाई में करेंगे जाँच
मामले की होगी जाँच, कानून में करेंगे बदलाव बकाने के सवाल पर जवाब देते हुए राज्यमंत्री आशीष जायसवाल ने कहा कि, "फिलहाल किसी अधिकारी के लिए ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है, लेकिन डीपीसी की बैठक में शिकायत की थी।" उन्होंने आगे कहा कि, कंपनियों ने सभी से यह बीज वापस लिए। जिसका मतलब बीज सही नहीं थे।" जायसवाल ने आगे कहा कि, सम्मानीय सदस्य से जो जानकारी दी है उसकी अनुसार हम आयुक्त से मामले की जांच करने और कार्रवाई की जाएगी।"
राज्यमंत्री ने आगे कहा, "बोगस बीजों के मामले पर किसानों को ग्राहक मंच के अलावा कही और जाने का रास्ता नहीं रहता। इसको देखते हुए भविष्य में किसान मुश्किल में न फंसे इसको लेकर कानून में बदलाव करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री दे रहे गोलमोल जवाब
मंत्री के जवाब से तमाम सदस्य नाखुश जताया। हरीश पिंपले ने कहा कि, "मंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि, बोगस बीज का वितरण किया गया है। लेकिन इसके बावजूद मंत्री गोलमोल जवाब दे रहे हैं। विधायक ने कहा कि, मैंने सीधा सवाल पूछा है कि क्या अधिकारियों को क्या कार्रवाई होगी और किस तरह होगी इस पर जवाब देना चाहिए। वहीं पिम्पले की मांग का समर्थन करते हुए शिवसेना उबाठा नेता भास्कर जाधव ने कहा कि, सदस्य मुआवजा देने और करवाई करने की मांग कर रहे हैं लेकिन मंत्री एक ही जवाब दे रहे हैं। इसी के साथ जाधव ने जायसवाल पर संबंधित कंपनियों को बचाने का आरोप भी लगाया।
किसी को नहीं बचा रहाखुद पर लगाए आरोप पर जायसवाल ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि, गलत काम के लिए सरकार किसी को नहीं बचा रही है। इस मामले को लेकर किसी भी सदस्य ने किसी भी अधिकारी का नाम लेकर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराइ है। अगर कोई लिखित में शिकायत देगा अधिकारी का नाम देगा तो उस पर जरूर कार्रवाई की जाएगी।
जिला कृषि अधिकारी टोटावर पर करें मांग
मंत्री की मांग पर देवली विधायक राजेश बकाने ने वर्धा जिला कृषि अधिकारी टोटावर पर पर संबंधित कंपनियों को बचने और बीज बेचने वाले दुकानदारों पर झूठा मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आरोप लगाया। विधायक बकाने ने मंत्री से जिला कृषि अधिकारी टोटावर की निलंबन की मांग की।
वहीं अकोला पूर्व विधायक रणधीर सावरकर ने कहा, "वर्धा जिला बीज उत्पादन में अग्रणी जिला है। लेकिन वर्धा जिला अधिकारी ने बीज की जांच नहीं की। लेकिन फाउंडेशन बीज का पंजीयन सारथी पोर्टल पर नहीं किया गया। अगर यह होता तो इसका बीडर कौन है इसकी जानकारी मिल जाती। सावरकर ने कहा, "जिला कृषि अधिकारी इसमें सीधा दोषी है। इसलिए सभी सदस्यों की भूमिका को ध्यान में रखते हुए इस पर करवाई की मांग की।"
हंगामा बढ़ता देख बावनकुले ने किया हस्तक्षेप
विधायकों की मांग कर मंत्री जायसवाल ने मामले की जांच करने और दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की। हालांकि, सदस्य फिर भी संतुष्ट नहीं हुआ। उन्होंने मंत्री के जवाब पर असंतोष जताया। विधायक पिंपले ने कहा कि, मंत्री खुद मान रहे हैं कि, बोगस बीज का वितरण किया गया। इसके लिए अधिकारी जिम्मेदार है। इस दौरान विधायक ने जांच पूरी होने तक ऐसे अधिकारियों को निलंबित करने और उसके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।
हालांकि, मामला बढ़ता देख वरिष्ठ विधायकों ने मंत्री से इसपर बैठक आयोजित कर समिति से जाँच कराने और कार्रवाई करने की मांग की। जलगांव जामोद विधायक संजय कुटे ने मामले कॉम गंभीर बताते हुए कहा कि, किसानों को बोगस बीज के कारण बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए सम्बंधित विधायकों के साथ एक बैठक की जाए और सत्र शुरू समाप्त होने के पहले अधिकारीयों पर कार्रवाई की जाए। विधायकों के बढ़ते रोष को देखते हुए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इसमें हस्तक्षेप किया और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को निरंतर बनाये रखने और आगे इसपर चर्चा करने की मांग अध्यक्ष से की। जिसपर अध्यक्ष ने अपनी सहमति जताई।
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