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Wardha: विदर्भ का पहला 'सौरग्राम' बना चिचघाट-राठी गांव, पूरी तरह सौर ऊर्जा पर निर्भर, सूर्य की रोशनी से 811 किलोवाट बिजली का उत्पादन


वर्धा: विदर्भ का पहला 100 प्रतिशत ‘सौरग्राम’ बनने का गौरव वर्धा जिले के हिंगणघाट तहसील स्थित चिचघाट-राठी गांव को मिलने जा रहा है। इस गांव ने सरकारी सहायता के बिना अपने सौर ऊर्जा के प्रयासों से यह उपलब्धि प्राप्त की है। महावितरण द्वारा राज्य के प्रत्येक जिले से दो गांवों को 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा पर लाने की योजना के तहत चिचघाट-राठी गांव को चुना गया है। यहां की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता लगभग 811 किलोवाट तक पहुंच चुकी है।

चिचघाट-राठी गांव वर्धा शहर से 40 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां का मौसम अधिकतर शुष्क रहता है। मार्च से लेकर जून तक अत्यधिक गर्मी होती है इसलिए अब यहां के ग्रामीणों ने सूर्य की प्रचुर ऊर्जा का उपयोग कर बिजली उत्पादन की दिशा में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने केंद्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ में भाग लेकर गांव को 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा से सुसज्जित किया।

गांव में 70 घरेलू, 4 औद्योगिक, 1 वाणिज्यिक ग्राहक सहित आंगनबाड़ी, जिला परिषद स्कूल, स्ट्रीट लाइट्स और सार्वजनिक जल आपूर्ति व्यवस्था भी सौर ऊर्जा से चल रही है। वहीं, 70 घरों में से 65 ग्राहकों ने बैंक से लोन लेकर, 2 ग्राहकों ने अपनी लागत से और अन्य को पीवी टेक्सटाइल्स कंपनी के सहयोग से सौर प्रकल्प स्थापित करवाए गए।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महावितरण के अधिकारियों के मार्गदर्शन में ये परियोजना सफलतापूर्वक पूर्ण हुई। इस गांव ने ये साबित किया है कि एकजुटता और मेहनत से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन संभव है। 

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