आदिवासी विभाग ने 1,497 पदों पर निकाली भर्ती, संवाद आधार पर होगी नियुक्ति

वर्धा: विभिन्न सरकारी विभागों में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। यद्यपि इनके भरने पर कुछ प्रतिबंध है, किन्तु रिक्तियों के कारण विलम्ब हो रहा है, अतः आवश्यकतानुसार पदों को भरा जा रहा है। अब सरकार के आदिवासी विकास विभाग ने इन पदों को भरने का निर्णय लिया है। 1,497 पदों को बाह्य स्रोतों के माध्यम से भरने का निर्णय लिया है।
आदिवासी विकास विभाग के 16 नवंबर 2022 के निर्णय द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय की संशोधित संरचना तय की गई है। इस सरकारी निर्णय का विषय आदिवासी विकास विभाग के सरकारी आश्रम स्कूल में पदों का मुद्दा है। तदनुसार, इन विद्यालयों में कला अध्यापकों, खेल अध्यापकों तथा कम्प्यूटर अध्यापकों के पदों पर बाह्य स्रोतों से भर्ती करने का निर्णय लिया गया है।
संशोधित प्रारूप में निर्धारित अनुसार, सरकारी आश्रम विद्यालयों में इन पदों की सेवाओं को आउटसोर्स करने के लिए GeM पोर्टल पर निविदा प्रक्रिया आयोजित करने के लिए प्रशासनिक अनुमोदन प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की गई। अब 18 फरवरी को ऐसा निर्णय लिया गया है। जनजातीय विकास विभाग के विभिन्न परियोजना कार्यालय हैं। यह प्रक्रिया इसके माध्यम से होती है।
अब नासिक स्थित आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त कार्यालय ने 2 जनवरी 2025 को पदों की संख्या प्रस्तावित की है। तदनुसार, सरकारी आश्रम विद्यालयों में कला शिक्षक, खेल शिक्षक और कंप्यूटर शिक्षक के 1,497 पदों को बाह्य स्रोतों के माध्यम से भरने के लिए निविदा प्रक्रिया लागू की जाएगी। इसे क्रियान्वित करने के लिए 81 करोड़ 8 लाख 75 हजार रूपए की अनुमानित राशि के प्रस्ताव को शर्तों के अधीन प्रशासकीय स्वीकृति दी जा रही है।
सरकारी आश्रम विद्यालयों में कुल 1,497 पद भरे जाएंगे, जिनमें 499 कला शिक्षक, 499 खेल शिक्षक और 499 कंप्यूटर शिक्षक शामिल हैं। इसके लिए कुछ शर्तें हैं। ये पद बाह्य भर्ती के माध्यम से उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके लिए प्रक्रिया मैनुअल ऊर्जा विभाग के मैनुअल के समान ही होगा। पदों को भरने के लिए निर्दिष्ट पोर्टल पर निविदा प्रक्रिया आयोजित करनी होगी। इस प्रशासनिक स्वीकृति के आधार पर इस वक्तव्य का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है।
निविदा को अंतिम रूप देने से पहले एक पूर्व-निविदा बैठक आयोजित की जानी चाहिए। आदेश में कहा गया है कि निविदाकर्ताओं के प्रस्तुतीकरण से संबंधित समस्याओं की समय पर पहचान की जाए और उनका समाधान किया जा सके। राज्य में बड़ी संख्या में आदिवासी आश्रम स्कूल हैं। इसका नियंत्रण जनजातीय परियोजना कार्यालय द्वारा किया जाता है। अब इसी कार्यालय ने मुख्य विषय के अलावा अन्य विषयों के लिए भी शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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