Bhandara: यूनिट व स्थिर आकार के नाम पर वसूली, बिजली वितरण कंपनी कर रही उपभोक्ताओं से सरेआम लूट

तुमसर: बिजली वितरण कंपनी द्वारा यूनिट एवं स्थिर आकार के दाम में बढ़ोतरी कर उपभोक्ताओं की सरेआम लूट की जा रही है. फिर भी हर माह बिजली कटने के डर से उपभोक्ताओं द्वारा बिजली बिल की राशि अदा की जा रही है. दिवाली त्योहार पर लोगों का न चाहते हुए भी अधिक खर्च होता है. ऐसे में समय पर बिजली बिल अदा नहीं करने की स्थिति में लोगों के घरों की खंडित करने के लिए बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा किसी तरह की सहूलियत नहीं देते हुए कनेक्शन डिस्कनेक्ट किया जाता है. इस ओर राज्य सरकार द्वारा ध्यान देकर उपभोक्ताओं को राहत देने की आवश्यकता है.
उपभोक्ता बुलंद कर आवाज
अन्य राज्यों की तुलना में यहां के ग्राहकों से दोगुना से भी अधिक राशि वसूल की जाती है. यदि अब भी उपभोक्ताओं ने खुलकर विरोध नहीं किया गया तो भविष्य में बिजली विभाग द्वारा और भी अन्याय किया जाएगा. इसमें कतई संदेह नहीं है. इस संदर्भ में बिजली विभाग के जागृत उपभोक्ता ने बताया कि बिजली वितरण कंपनी द्वारा स्थिर आकार, वहन आकार के साथ ही हर माह एक नया कर लागू कर ग्राहकों की सरेआम लूट की जा रही है. फिर भी ग्राहकों द्वारा इस ओर अनदेखी की जाती है. इसके विरोध में किसी भी जनप्रतिनिधियों द्वारा आवाज बुलंद क्यों नहीं की जाती है. यह समझ से परे है. समय रहते यदि उपभोक्ताओं द्वारा आवाज बुलंद नहीं की गई तो भविष्य में बिजली विभाग द्वारा नित नए कर लागू कर ग्राहकों को और भी आर्थिक तंगी में ढकेल दिया जाएगा.
उधार लेकर अदा किए थे बिल
गत दिनों लॉकडाउन के दौरान का उपभोक्ताओं को भारी भरकम बिल भेजकर पूरी तरह से परेशानी में डाल दिया गया था. उस दौरान राज्य के मंत्री द्वारा बिजली बिल माफ करने बड़ी बड़ी घोषणाएं की गई थी. लेकिन समय बीत जाने के बाद उन्होंने यूटर्न लिया था. इस कारण उपभोक्ताओं को बिजली कटने के डर से लोगों से पैसे उधार लेकर बिल अदा करना पड़ा था.
नागरिकों पर किया जा रहा अन्याय
जबकि उस दौरान 3 माह के भीतर कोई भी व्यक्ति मीटर की रीडिंग लेने के लिए नहीं पहुंचा था. इससे रीडिंग लेने वालों की बचत हुई थी. साथ ही 3 माह बाद उपभोक्ताओं को एक बार ही बिल प्राप्त हुआ था. इससे बिल पहुंचाने एवं प्रिंटिंग के खर्च में बचत हुई थी. तब बिल कम आना तो दूर और बढाकर भेजा गया था. एक ओर सरकार द्वारा सर्वसामान्य नागरिकों के साथ न्याय करने का ढिंढोरा पीटा जाता है. वहीं तरह-तरह के टैक्सों में भारी बढ़ोतरी कर अन्याय किया जा रहा है.

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