Bhandara: बेमौसम बारिश से ख़ुरमा के बाग़ तबाह, बढ़ा फफूंद जनित रोगों का प्रकोप; किसान ने मुआवजा से की मांग
भंडारा: भंडारा ज़िले में बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों के साथ-साथ अब बाग़वानों की उम्मीदें भी मिट्टी में मिलती नज़र आ रही हैं। लगातार बारिश और फफूंद जनित रोगों के चलते ख़ुरमा की फसल बर्बादी के कगार पर है, जिससे युवा किसानों को भारी आर्थिक झटका लगा है।
भंडारा ज़िले के साकोली तालुका के लावारी गांव में युवा किसान अनिल किरनापुरे ने पारंपरिक धान की खेती के बजाय ख़ुरमा (जापानी फल) का बाग़ लगाकर खेती में नया प्रयोग किया था। इस साल बाग़ से पहली बार अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन पिछले हफ़्ते हुई बेमौसम बारिश और फफूंद जनित रोगों के प्रकोप ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया।
लगातार नमी और संक्रमण के कारण बाग़ में लगे फल सड़ने लगे हैं, जिससे उन्हें बाजार में बेचना मुश्किल हो गया है। किसान अनिल किरनापुरे ने बताया कि इस नुकसान से युवा किसानों का मनोबल टूट रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि बाग़ों का सर्वे कर नुकसान का आकलन किया जाए और किसानों को कम से कम 50 हज़ार रुपये प्रति बाग़ तथा 2 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि दी जाए।
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