Bhandara: सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का कानून सिर्फ कागज पर, दो साल से नहीं मिली जानकारी

सिहोरा: हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार की परंपरा कायम होते दिखाई दे रही है. गांव के विकास के लिए सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं के तहत निधि दी जाती हैं. किंतु इस निधि का उपयोग सच में गाव के विकास के कार्य के लिए किया जाता है कि नहीं इस ओर किसी का ध्यान ही नहीं होता. ऐसी ही कुछ घटना ग्राम चांदपुर में सामने आई है.
ग्राम पंचायत की 2017 से 2020 तक जितने काम हुए है. उन कामों से गांव के विकास कार्य कम और खर्चा ज्यादा दिखाकर निधि का दुरूपयोग किया जाने का निवेदन सूचना का अधिकार अधिनियम अंतर्गत चांदपुर के निवासी अरविंद कांबले द्वारा 11 सितंबर को ग्राम पंचायत कार्यालय चांदपुर को दिया था. इस निवेदन को 35 दिन पूरे होने के बाद भी कोई भी जवाब नहीं मिलने से 16 अक्टूबर को गटविकास अधिकारी पंचायत समिति तुमसर को निवेदन दिया गया.
लेकिन अभी तक 14 वित्त आयोग और जनरल फंड की जानकारी नहीं मिली है. इसमें दाल में कुछ काला है. ऐसे सवाल सामने आ रहे है. गांव में किए गए काम में और उठाये गए फंड में काफी अंतर दिखाई दे रहा है. पिछले दो साल से अरविंद कांबले ग्राम पंचायत, पंचायत समिति के पदाधिकारियों के पीछे घूमते दिखाई दे रहे हैं. इससे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 केवल कागज पर ही दिखाई दे रहा है.
नियमों को ध्यान में रखकर के इस का निर्णय जल्द दिया जाना चाहिए. इतना समय बीत जाने पर भी पंचायत समिति का संबंधित विभाग और ग्राम पंचायत के पदाधिकारी इन पर नियमों का और आदेशों का पालन नहीं होने से इन पर जुर्माना ठोकने की मांग अरविंद कांबले ने की है.

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