Bhandara: रफ्तार का कहर वाहन चालकों पर टूटा, 8 माह में हो गई 128 लोगों की दर्दनाक मौत

भंडारा: जिले के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग अब सुचारू चल रहे हैं. मुंबई से कोलकाता, पवनी से भिवापुर राष्ट्रीय राजमार्ग और नागपुर से साकोली के दरम्यान सड़क फोर लेन है. भंडारा शहर का टर्निंग मार्ग सिक्स लेन होगा. इसका काम तेजी से चल रहा है. जबकि भंडारा-मनसर, रामटेक-गोंदिया हाईवे सीमेंटीकरण के कारण अब सुचारू हो गया हैं. लेकिन इन सडको पर दुर्घटनाए बढ गई है. सडके अच्छी होने के कारण वाहन चालक रफ्तार से वाहन दौडाते है.यह रफ्तार कहर बनकर वाहन चालकों पर टूट पडा है. रफ्तार की वजह से अनेक लोगों की जानें चली गई है.
316 दुर्घटनाएं और 128 मौतें
पिछले आठ महीनों में जिले की विभिन्न सड़कों पर 316 दुर्घटनाएं हुई हैं. इन हादसों में से 329 लोग घायल हुए थे, जिनमें से 128 लोगों की जान चली गई.आजकल वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. दुर्घटनाओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है. फिसलन भरी सड़कों पर दुर्घटनाओं की संभावना अधिक होती हैं.इसलिए गति को नियंत्रित करने की तत्काल आवश्यकता है. यदि वाहन चालक स्वयं वाहन की गति पर नियंत्रण रखें तो हादसों पर ब्रेक लगाकर कई लोगों की जान बचाई जा सकती है.
क्या है दुर्घटना के कारण
अत्यधिक गति के साथ-साथ सीट बेल्ट का प्रयोग न करने, गलत दिशा में वाहन चलाने, दुपहिया वाहन पर हेलमेट का प्रयोग न करने, दुपहिया वाहन पर दो से अधिक व्यक्तियों के साथ यात्रा करने, नशे की हालत में तेज गति से वाहन चलाने, रात में बिना विश्राम किये वाहन चलाने के कारण अक्सर दुर्घटनाएं देखी जाती हैं.ड्राइवरों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए और नियमों के अनुसार वाहन चलाना चाहिए. साथ ही स्पीड लिमिट भी जरूरी है.
आठ माह में 15 लाख 83 हजार का जुर्माना
बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाने पर आठ महीने में 7 हजार 943 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई. यातायात नियमों का पालन नहीं करने पर उनसे 15 लाख 83 हजार 800 रुपये जुर्माना वसूला गया.यह कार्रवाई भंडारा जिला पुलिस शाखा ने की है.
नेशनल हाईवे पर होते हैं सबसे ज्यादा हादसे
ज्यादातर हादसे स्टेट और नेशनल हाईवे पर होते हैं. क्योंकि अब सभी सड़कें चिकनी हैं, दुर्घटनाएं होती हैं क्योंकि चालक गति को नियंत्रित नहीं करते हैं. ओवरटेक करने के प्रयास में कई लोगों की जान जा चुकी है.

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