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Bhandara

भंडारा जिले में 15 दिनों में दो बाघों की मृत्यु, दो साल में 6 बाघों का शिकार


भंडारा: भंडारा जिले में दो साल में 6 बाघों की मौत हो चुकी है। तुमसर तालुका में 15 दिनों में दो बाघों की मौत से काफी सनसनी फैल गई है। भंडारा जिले की तुमसर तहसील में 15 दिनों में दो बाघों की मौत हो गई है। वहीं, झंझेरिया में बाघ के शिकार के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

पहले बाघ को देवनारा गांव के पास जहर दिया गया और उसकी मौत हो गई। जबकि अभी तक उसके आरोपी का पता नहीं चल सका है। दूसरी घटना में बाघ को बिजली का करेंट देकर मार दिया गया। इसके बाद बाघ को चार टुकड़ों में काट कर जंगल में फेंक दिया ताकि उनपर शक न हो। आख़िरकार, घटना तब सामने आई जब वन अधिकारी को तेज़ गंध आई। वन विभाग ने जांच करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। 

विदर्भ में चंद्रपुर के बाद भंडारा जिले में बाघों की संख्या सबसे अधिक है। इससे पहले भी बहेलिया गैंग सक्रिय था और कटनी गैंग के मोरक्या कट्टू पारधी को गिरफ्तार किया गया था। पारधी समुदाय बाघ के शिकार के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन अब देखने में आ रहा है कि स्थानीय लोग भी बाघ का शिकार कर रहे हैं।

अन्य जानवरों की जगह बाघ बन रहे शिकार 

स्थानीय लोग भालू, जंगली सूअर, हिरण, खरगोश जैसे जानवरों का शिकार करने के लिए बिजली के करंट का इस्तेमाल करते हैं। इन जानवरों का पीछा करने वाले बाघ इस जाल में फंस जाते हैं और मर जाते हैं। लेकिन ग्रामीण इलाकों में अन्य जंगली जानवरों के लिए लगाए गए जाल में बाघ मर रहे हैं। बड़ी संख्या में बाघ प्रवास करते हैं। क्षेत्रीय जंगल में बाघों के प्रवेश के बाद वन विभाग उनके लिए कोई ठोस उपाय नहीं करता है।