सिंदिपार के ग्रामीणों ने लिया चुनाव बहिष्कार का फैसला, नेताओं के गांव में प्रवेश पर भी प्रतिबंध
भंडारा: भंडारा जिले में नेताओं के खिलाफ नागरिकों में गुस्सा चरम पर है। पिछले दिनों कुछ गांव के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया था। तो अब लाखनी तहसील के सिंदिपार गांव के ग्रामीणों ने राजनीतिक नेताओं के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इतना ही नहीं बल्कि चेतावनी दी है कि अगर कोई नेता गांव में आता है तो उसे ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ेगा।
महाराष्ट्र के लाखनी तहसील के सिंदिपार गांव के ग्रामीणों ने गांव की मुख्य सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। गांव की दो किलोमीटर सड़क गड्ढों से भरी है और उस पर चलना मुश्किल हो गया है। इस सड़क का उपयोग सभी ग्रामीण करते हैं। लेकिन गड्ढों के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
मामले को लेकर ग्रामीण कई बार राजनीतिक नेताओं से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीण अब नाराज हैं और उन्होंने आगामी चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। साथ ही ग्रामीणों ने गांव के प्रवेश द्वार पर एक बैनर लगाया है जिसमें साफ लिखा है कि किसी भी राजनीतिक नेता को गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही अगर किसी नेता ने गांव में आने की कोशिश की तो उनकी गाड़ी के शीशे तोड़ दिए जाएंगे।
ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले से भी नाराजगी जताई है। कुछ महीने पहले जब पटोले गांव आए थे तो ग्रामीणों ने उनके सामने सड़क का मुद्दा उठाया था और बहिष्कार का ऐलान किया था। लेकिन, अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में अब ग्रामीणों ने सड़क के मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। ऐसे में अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में ये संकट नाना पटोले के लिए गंभीर साबित हो सकता है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वो इस स्थिति को कैसे संभालते हैं।
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