Amravati: तुअर की खरीदी बाधित; गारंटी से मिल रही कम कीमत, खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे किसान

अमरावती: केंद्र और राज्य सरकार ने किसानों से 24 जनवरी से 'नाफेड' के साथ-साथ पणन महासंघ से तुअर खरीद के लिए पंजीकरण कराने का अनुरोध किया था। लेकिन, आधिकारिक वेबसाइट पोर्टल चालू नहीं होने के कारण तुअर खरीद के लिए पंजीकरण बाधित हो गया है। इसके चलते अभी तक किसान गारंटी मूल्य केंद्रों पर पंजीकरण और खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
दिसंबर-जनवरी के दौरान ठंड अधिक पड़ते ही किसानों के घर तुअर की पैदावार होने लगी। नये साल में तुअर की फसल जोरदार होने से किसानों में उत्साह का माहौल है। गारंटीशुदा खरीद केंद्रों पर 7,550 रुपये की गारंटीशुदा कीमत पर तुअर की खरीद की घोषणा करके किसानों को जनवरी के दौरान पंजीकरण कराने का भी आह्वान किया गया था। जिले के किसानों ने तुअर उत्पाद हाथ में आते ही बाजार समिति में बिक्री के लिए लाना शुरू कर दिया है। लेकिन बाजार में गिरती कीमत पर कम दर्जे वाली वस्तु के रूप में किसानों से तुअर खरीदने की तस्वीर सामने आ रही है।
गारंटी दर की तुलना में ढाई हजार रुपये कम
मंगलवार को अमरावती बाजार समिति में 10 हजार 371 क्विंटल तुअर की आवक हुई। न्यूनतम 7 हजार और अधिकतम 7 हजार 500 यानी औसत रेट 7 हजार 250 रुपये प्रति क्विंटल रहा। पिछले डेढ़ महीने में बाजार में 1 लाख 30 हजार क्विंटल तुअर की आवक हुई है। औसत दर 7,200 रुपये है और गारंटी दर की तुलना में प्रति क्विंटल 2500 रुपये कम है।
तकनीकी कारणों से रुकी खरीद
शुष्क भूमि में कपास, सोयाबीन और तुअर ख़रीफ़ मौसम की मुख्य फ़सलें हैं। इस साल तीनों फसलों के बाजार मूल्य में भारी गिरावट आई है। राज्य सरकार ने सोयाबीन की सरकारी खरीदी की। हालांकि लक्ष्य से आधी सोयाबीन ही खरीदी जा सकी है। कपास की खरीद सीसीआई के माध्यम से की जा रही है, लेकिन तकनीकी कारणों से पिछले एक सप्ताह से यह रुकी हुई है।
जिले में 39 हजर टन खरीद का लक्ष्य
अब तुअर की सरकारी खरीद होगी। 13 फरवरी से खरीद शुरू करने के आदेश हैं। हालांकि अभी खरीद शुरू नहीं हुई है। जिले में बीस केंद्रों पर खरीद होगी। इन केंद्रों को खरीद के लक्ष्य दिए गए हैं। तुअर के बाजार में आते ही बाजार समितियों में तुअर की कीमतों में लगभग एक हजार रुपये की गिरावट आ गयी है। इसलिए नाफेड और पणन महासंघ के तहत सरकारी गारंटी वाले मूल्य केंद्रों में खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई है। जिले में 39 हजार 654 टन खरीद का लक्ष्य दिया गया है। इस सीजन में 1 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तुअर की बुआई हुई है। कृषि विभाग ने जिले की औसत उत्पादकता 1 हजार 360 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर आंकी है और इस वर्ष 1 लाख 58 हजार 696 टन उत्पादन की संभावना जताई है। इस उत्पादकता के आधार पर 25 प्रतिशत तुअर खरीदी जाएगी।

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