मार्च माह में भी चीनी की मासिक बिक्री में की गई वृद्धि, बकाया ऋण के पुनर्गठन को भी मिली मंजूरी

मुंबई: पिछले महीने की तरह मार्च महीने में भी केंद्र सरकार ने राज्य की चीनी मिलों को चीनी का मासिक बिक्री कोटा बढ़ा दिया है. लेकिन उतनी मात्रा में चीनी नहीं बिकने से मिलों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं.
पिछले महीने राज्य को 7 लाख 15 हजार टन चीनी का कोटा मिला था और इस महीने इसे बढ़ाकर 8 लाख 61 हजार टन कर दिया गया है. हालांकि अभी तक चीनी पूरी नहीं बिकी है.
बकाया ऋण के पुनर्गठन को मिली मंजूरी
नेशनल कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ फेडरेशन के अध्यक्ष हर्ष वर्धन पाटिल ने कहा है कि केंद्र सरकार ने 33 सहकारी चीनी मिलों के बकाया ऋण के पुनर्निर्माण को मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया है कि राष्ट्रीय सहकारी चीनी महासंघ ने इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात की है।
उन्होंने कहा कि राज्य की 20 फैक्टरियों पर बकाया ऋण राशि 861 करोड़ रुपये है. कुल बकाया ऋण में महाराष्ट्र की फैक्ट्रियों से 861 करोड़ 23 लाख रुपये, उत्तर प्रदेश से 202 करोड़ 48 लाख रुपये, तमिलनाडु से 113 करोड़ 15 लाख रुपये, कर्नाटक से 103 करोड़ 20 लाख रुपये, गुजरात से 39 करोड़ 37 लाख रुपये शामिल हैं। शेष राशि आंध्र प्रदेश, ओडिशा और अन्य राज्यों से है।

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