बादल छाए रहने से खतरे में रबी की फसलें, अकोला के किसानों में असमंजस की स्थिति

अकोला: पिछले कुछ दिनों से लगातार बादल छाए रहने और कम ठंड के कारण गेहूं और चना जैसी रबी फसलों पर खतरा मंडरा रहा है। ये फसलें विभिन्न बीमारियों से प्रभावित हो गई हैं। ऐसे में फसलों पर कौन सी दवा का छिड़काव किया जाए इसे लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
किसान कीटनाशकों का छिड़काव कर फसलों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस माहौल में किसानों को फसलों पर कौन सी दवा का छिड़काव करना है और क्या उपाय करना है, इसका मार्गदर्शन किया जाना जरूरी है। पातुर तहसील की सात हजार हेक्टेयर में चने की फसल खतरे में है। नवंबर में बारिश के कारण चना, कपास और अरहर की फसल को भारी नुकसान हुआ था। कुछ क्षेत्रों में चने की रोपाई करनी पड़ी।
नई उम्मीद के साथ किसान जहां रबी फसल की कटाई के लिए तैयार हैं। वहीं लगातार बादल छाए रहने से फसलें विभिन्न बीमारियों से प्रभावित हो गई हैं। इसके चलते पातुर, खानापुर, शिरला, पस्तुल, चन्नी, बाभुलगांव आदि ग्रामीण इलाकों में किसान फसल नुकसान की आशंका से चिंतित हैं। रबी सीजन के लिए कुओं में पानी है। हालांकि, पूरक मौसम नहीं बनने से फसल उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है।
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