logo_banner
Breaking
  • ⁕ 70 साल में किसानों को सरकार ने लुटा, किसी ने नहीं किया काम, जारंगे पाटिल ने कहा- मदद करने का यह सही समय ⁕
  • ⁕ लावणी पर थिरकी एनसीपी अजित पवार गुट! पार्टी कार्यालय के भीतर नाच-गाने पर बवाल, आलाकमान ने अध्यक्ष अहिरकर से माँगा स्पष्टीकरण ⁕
  • ⁕ किसानों की कर्ज माफी पर महाराष्ट्र सरकार का सकारात्मक रुख, मंत्री बावनकुले ने कहा - 'असली' किसानों को मिले लाभ ⁕
  • ⁕ कर्ज माफी पर नया ट्विस्ट: बच्चू कडू बोले- 'सरकारी नौकरी' और 'अमीर किसानों' को नहीं चाहिए लोन माफी ⁕
  • ⁕ Buldhana: जिले में बेमौसम बारिश ने दी दस्तक, कटाई के सीजन में फसलों को भारी नुकसान का खतरा ⁕
  • ⁕ Chandrapur: केसला घाट इलाके में बाघ ने बाइक सवार पर किया हमला, लोगों में डर का माहौल ⁕
  • ⁕ Amravati: कमुंजा फाटा के पास तेज़ रफ़्तार बस ने बाइक को मारी टक्कर, हादसे में एक की मौत, एक गंभीर ⁕
  • ⁕ विदर्भ सहित राज्य के 247 नगर परिषदों और 147 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित, देखें किस सीट पर किस वर्ग का होगा अध्यक्ष ⁕
  • ⁕ अमरावती में युवा कांग्रेस का ‘आई लव आंबेडकर’ अभियान, भूषण गवई पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ⁕
  • ⁕ Gondia: कुंभारटोली निवासियों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर नगर परिषद पर बोला हमला, ‘एक नारी सबसे भारी’ के नारों से गूंज उठा आमगांव शहर ⁕
Nagpur

मानसून में विदर्भ के किसानों को लगा बड़ा झटका; लगातार बारिश से एक लाख हेक्टेयर फसल हुई बर्बाद, किसानों की सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग


नागपुर: विदर्भ के किसानों पर एक बार फिर कुदरत का कहर टूटा है। लगातार हो रही बरसात और अतिवृष्टी ने किसानों की उम्मीदों को डुबो दिया है। बुलढाणा जिले समेत विदर्भ के कई इलाकों में खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। मूसलाधार बारिश से करीब एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल चौपट हो गई है। सोयाबीन, तुअर, बाजरी और धान जैसी प्रमुख फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गईं।

इस मानसून में हुई मूसलाधार बारिश से विदर्भ में करीब एक लाख हेक्टर क्षेत्र की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। खेतों में पानी भरने से सोयाबीन, कपास, धान और तूर जैसी प्रमुख फसल चौपट हो गईं। किसान दिन-रात मेहनत करके फसल तैयार करते हैं, लेकिन लगातार हुई बारिश ने उनकी सारी मेहनत मिट्टी में मिला दी। खेतों में पसरा पानी और कीचड़ साफ़ दिखता है कि सालभर की मेहनत एक झटके में खत्म हो गई है और अब किसान आर्थिक संकट की गहरी खाई में जा रहे हैं।

प्रशासन की ओर से नुकसान का पंचनामा शुरू कर दिया गया है, लेकिन किसानों का आरोप है कि राहत और मुआवजे की प्रक्रिया अक्सर देर से होती है। किसानों पर पहले से ही कर्ज का बोझ है और अब फसल बर्बाद होने के बाद हालात और गंभीर हो गए हैं। यही वजह है कि किसान सरकार से तुरंत राहत पैकेज और आर्थिक मदद की माँग कर रहे हैं।