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मानसून में विदर्भ के किसानों को लगा बड़ा झटका; लगातार बारिश से एक लाख हेक्टेयर फसल हुई बर्बाद, किसानों की सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग


नागपुर: विदर्भ के किसानों पर एक बार फिर कुदरत का कहर टूटा है। लगातार हो रही बरसात और अतिवृष्टी ने किसानों की उम्मीदों को डुबो दिया है। बुलढाणा जिले समेत विदर्भ के कई इलाकों में खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। मूसलाधार बारिश से करीब एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल चौपट हो गई है। सोयाबीन, तुअर, बाजरी और धान जैसी प्रमुख फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गईं।

इस मानसून में हुई मूसलाधार बारिश से विदर्भ में करीब एक लाख हेक्टर क्षेत्र की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। खेतों में पानी भरने से सोयाबीन, कपास, धान और तूर जैसी प्रमुख फसल चौपट हो गईं। किसान दिन-रात मेहनत करके फसल तैयार करते हैं, लेकिन लगातार हुई बारिश ने उनकी सारी मेहनत मिट्टी में मिला दी। खेतों में पसरा पानी और कीचड़ साफ़ दिखता है कि सालभर की मेहनत एक झटके में खत्म हो गई है और अब किसान आर्थिक संकट की गहरी खाई में जा रहे हैं।

प्रशासन की ओर से नुकसान का पंचनामा शुरू कर दिया गया है, लेकिन किसानों का आरोप है कि राहत और मुआवजे की प्रक्रिया अक्सर देर से होती है। किसानों पर पहले से ही कर्ज का बोझ है और अब फसल बर्बाद होने के बाद हालात और गंभीर हो गए हैं। यही वजह है कि किसान सरकार से तुरंत राहत पैकेज और आर्थिक मदद की माँग कर रहे हैं।