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Chandrapur

चंद्रपुर में बाघ के हमले से किसान की मौत; गढ़चिरौली में चरवाहे ने बहादुरी से बाघ को खदेड़ा


चंद्रपुर: महाराष्ट्र में बाघों और इंसानों के बीच संघर्ष की दो अलग-अलग घटनाएं सामने आई हैं। एक ओर जहां चंद्रपुर के ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व के पास एक बाघ के हमले में किसान की मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर गढ़चिरौली में एक 76 वर्षीय चरवाहे ने बहादुरी का परिचय देते हुए बाघ को खदेड़ दिया।

ताड़ोबा के पास बाघ ने ली किसान की जान

चंद्रपुर के मोहोरली वन क्षेत्र में स्थित सीतारामपेठ बिट के पास बुधवार (24 सितंबर) सुबह करीब 11:30 बजे एक खेत में काम कर रहे किसान अमोल बबन नन्नावारे (38) पर बाघ ने हमला कर दिया। इस हमले में अमोल की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पंचनामा तैयार करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भद्रावती के ग्रामीण अस्पताल भेजा गया। मृतक की पत्नी प्रेमिला अमोल नन्नावरे को तत्काल सहायता के रूप में 50,000 रुपये दिए गए हैं।

 76 वर्षीय चरवाहे ने दिखाई हिम्मत

वहीं, गढ़चिरौली जिले के अहेरी तालुका में एक 76 वर्षीय बुजुर्ग ने अपने साहस से सभी को हैरान कर दिया। खांडला गांव के निवासी शिवराम गोसाई बामनकर बुधवार सुबह अपने जानवरों को चराने के लिए जंगल में गए थे। सुबह करीब 9:30 बजे, अचानक झाड़ियों से एक बाघ निकलकर उन पर हमला कर दिया।

ऐसी स्थिति में भी शिवराम ने हार नहीं मानी। बिना किसी हथियार के, सिर्फ एक लाठी के सहारे उन्होंने बाघ का सामना किया। यह संघर्ष कई मिनट तक चला। बाघ ने अपने पंजों से उन पर वार किया, लेकिन शिवराम ने बहादुरी से उसे दूर धकेला। आखिरकार, बाघ जंगल में भाग गया। इस उम्र में मौत के मुंह से निकलकर आने वाले शिवराम की बहादुरी की हर कोई तारीफ कर रहा है। हालांकि, इन घटनाओं से इंसानी बस्तियों के इतने करीब बाघों के आने को लेकर ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है।