Sulochana Latkar Passes Away: दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना लटकर का निधन, अस्पताल में ली अंतिम सांस

दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना लटकर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। वह 94 साल की थीं। उसका इलाज दादर के सुश्रुसा अस्पताल में चल रहा था। जहां आज उनका निधन हो गया। सुलोचना दीदी के निधन के बाद फिल्म इंडस्ट्री शोक में है। अभिनेत्री की बेटी कंचन घनेकर ने हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए बताया था कि, माँ की हालत गंभीर थी।
सुलोचना दीदी का पार्थिव शरीर को सोमवार (5 मई) को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक प्रभादेवी के घर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। साथ ही शाम पांच बजे शिवाजी पार्क श्मशान घाट में सुलोचना दीदी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मराठी और हिंदी सिनेमा में सुलोचना दीदी का योगदान अमूल्य है। कला जगत में सुलोचना लटकर को सुलोचना दीदी के नाम से जाना जाता था। सुलोचना दीदी का करियर भालजी पेंढारकर के मार्गदर्शन में कोल्हापुर में फला-फूला। उन्होंने फिल्म से पहले सबसे पहले जयशंकर दानवे के निर्देशन में मंच पर कदम रखा। यह प्रयोग शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थापित करने के लिए किया गया था।
मराठी के अलावा हिंदी फिल्मों में भी उनका काम उल्लेखनीय है। उन्होंने अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, राजेंद्र कुमार, शशि कपूर जैसे मशहूर अभिनेताओं के साथ सिल्वर स्क्रीन पर महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। उन्हें पद्म श्री, महाराष्ट्र भूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। कोल्हापुर में बाबूराव पेंटर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सुलोचना दीदी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। सूर्यकांत और चंद्रकांत के साथ उन्होंने कोल्हापुर में 'मोलकारिन', 'भाभी की बंगड़्या', 'मिथभाकर', 'शक्ति जौ' जैसी फिल्में कीं।

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