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Buldhana

युवा कृषक पुरस्कार विजेता किसान कैलाश नागरे ने जहर खाकर की आत्महत्या, पानी नहीं मिलने से उठाया खौफनाक कदम; राज्य में मचा हड़कंप


बुलढाणा: देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महायुति सरकार लगातार किसानों का उत्थान करने की बात कह रही है। सोमवार को पेश बजट को भी सरकार ने किसान समर्थक बजट बताया। सरकार के इसी दावे के बीच गुरुवार को बुलढाणा जिले में एक सनसनीखेज घटना घट गई। जहां राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले युवा कृषक पुरस्कार प्राप्त एक युवा किसान ने जहरीली दवा खाकर आत्महत्या कर ली। किसान ने आत्महत्या करने से पहले तीन पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसमें उन्होंने खड़कपुरना जलाशय से पानी नहीं मिलने के विरोध में यह कदम उठाने की बात कही। होलिका दहन के दिन हुई इस घटना से जिले सहित राज्य में हड़कंप मच गया है। 

मृतक किसान का नाम कैलाश अर्जुन नागरे है। उन्होंने आज गुरुवार सुबह देउलगांव राजा तहसील के शिवनी अर्मल स्थित अपने खेत में जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। कैलाश नागरे एक प्रगतिशील किसान थे। उन्हें राज्य सरकार से भी पुरस्कार मिला। युवा किसान द्वारा उठाये गए इस कदम से जिले में हड़कंप मच गया है। 

घटनास्थल पर तीन पेज का सुसाइड नोट

कैलाश नागरे ने आत्महत्या करने से पहले 3 पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसमें उन्होंने बताया कि वह आत्महत्या इसलिए कर रहे हैं क्योंकि क्षेत्र के किसानों को खेती के लिए पानी नहीं मिल रहा है। बुलढाणा के पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे ने इसकी पुष्टि की है। कैलाश नागरे पिछले कई दिनों से देउलगांव राजा क्षेत्र के किसानों को खड़कपूर्णा जलाशय से पानी दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। पिछले दिसंबर में उन्होंने 10 दिन की भूख हड़ताल भी की थी। लेकिन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया था। अंततः आज उन्होंने यह कदम उठाया और अपनी जीवन यात्रा समाप्त कर ली।

मुख्यमंत्री मेरे बच्चों की संरक्षकता स्वीकार करें

हमारे पास सिंचाई की सभी सुविधाएं हैं, लेकिन पानी नहीं है। मृतक किसान ने आगे कहा कि, केले और पपीते के खेतों में दाह संस्कार करें और राख को आनंदस्वामी बांध में फेंक दें। मुख्यमंत्री को मेरे बच्चों की संरक्षकता स्वीकार करनी चाहिए। मैं अपने बच्चों को शिक्षित करने में असमर्थ था। कैलाश नागरे ने अपने सुसाइड नोट में यह भी कहा कि वह शुन्य हो गए हैं।

आत्महत्या के बाद किसानों का गुस्सा

कैलाश नागरे की आत्महत्या की खबर फैलते ही जिले में हड़कंप मच गया है। हजारो की संख्या में किसान मौके पर पहुंच गए हैं और किसानों ने सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है। किसानों का कहना है कि जब तक पालकमंत्री और जिला कलेक्टर मौके पर नहीं आते और दिवंगत कैलाश नागरे की मांगें पूरी करने का आश्वासन नहीं देते, तब तक वे शव को पोस्टमार्टम के लिए खेत से बाहर नहीं ले जाने देंगे। स्थिति बेहद गंभीर बन गई है। पुलिस प्रदर्शनकारी किसानों को शांत करने की कोशिश कर रही है। लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।