मुख्यमंत्री शिंदे और उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और चिन्ह किया सीज

नई दिल्ली: शिवसेना पर कब्जे को लेकर चल रही लड़ाई के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) और उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) को बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह को सीज कर दिया है। शनिवार को आयोग ने यह निर्णय लिया है। हालांकि, यह निर्णय केवल अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट (Andheri East By-Poll Election) पर होने वाले उपचुनाव के लिए होगा।
आयोग द्वारा जारी किए निर्देश के अनुसार, आगामी उपचुनाव के लिए शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर दावा करने वाले दोनों धड़े पार्टी का नाम और चिन्ह का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। हालांकि, उपचुनाव के लिए दोनों दलों को अलग अलग सिंबल उपलब्ध कराया जाएगा। आयोग ने दोनों धड़ो को अपनी पसंद का चिन्ह चुनकर 10 अक्टूबर तक बताने का निर्देश भी दिया है।
Both groups shall also be allotted such different symbols as they may choose from the list of free symbols notified by the Election Commission for the purposes of the current bye-elections. Accordingly, both groups are hereby directed to furnish, latest by 1pm on 10th October.
— ANI (@ANI) October 8, 2022
शिंदे ने जल्द सुनवाई करने का किया था आग्रह
अंधेरी पूर्व पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से चुनाव चिन्ह पर जल्द से जल्द सुनवाई कर निर्णय देने का आग्रह किया था। जिस पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने उद्धव गुट को शनिवार दोपहर तक अपना दावे को लेकर दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया था। वहीं आज उद्धव गुट द्वारा आयोग ने अपने पक्ष को लेकर सभी दस्तावेज जमा कर दिया थे। इसके पहले शिंदे गुट ने अपने पक्ष को लेकर तमाम दस्तावेज और पदधिकारियों के हस्ताक्षर वाले निवेदन आयोग को सौंप थे।
उद्धव गुट की बढ़ सकती है मुश्किलें
अंधेरी सीट पर शिवसेना का कब्ज़ा था, लेकिन विधायक रमेश लटके की हुई मौत के बाद यह सीट रिक्त हो गई है। उद्धव गुट ने इस सीट पर दिवंगत विधायक की पत्नी ऋतुजा लटके को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा-शिंदे गुट की तरफ से भाजपा नेता मुरजी पटेल को मौका दिया है। पहले से बगावत से जूझ रहे उद्धव ठाकरे को आयोग का यह निर्णय मुश्किलें बढ़ सकता है ,कारण 2019 के चुनाव में भाजपा और संयुक्त शिवसेना के उम्मीदवार होने पर लटके ने यहां जीत दर्ज की थी, वहीं पटेल निर्दलीय होते हुए भी दूसरे नंबर पर थे। वहीं अब उन्हें भाजपा और शिंदे गुट का समर्थन मिला हुआ है। हालांकि, उद्धव के उम्मदीवार को कांग्रेस और एनसीपी ने अपना समर्थन दिया है। लेकिन चुनाव चिन्ह सीज होने के बाद उद्धव गुट की मुश्किलें बढ़ सकती है।

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