विधानसभा में छूटेगा अजीत और युति का साथ! शिवसेना और भाजपा मिलकर लड़ेंगे चुनाव, इतनी सीटो पर जीत का रखा लक्ष्य
मुंबई: लोकसभा चुनाव में मिली हार से सिख लेते हुए भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरु कर दी है। इसी के तहत भाजपा ने गुरुवार को मुंबई में भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बैठक हुई। मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार, भाजपा ने विधानसभा चुनावों में बीना अजीत पवार के उतरने का निर्णय लिया है। यानी भाजपा शिवसेना एक साथ युति के तहत चुनावी मैदान में उतरेंगे। इसी के साथ पार्टी ने राज्य की 157 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है।
ज्ञात हो कि, लोकसभा चुनाव महायुति को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। 2019 में जहां महायुति को 41 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं इस बार वह 17 सीटो पर सिमट गई है। जिसमें अकेले भाजपा मात्र 9 सीट जीत पाई है। वहीं शिवसेना को सात और अजीत की एनसीपी को एक सीट मिली है।
अजीत को साथ लेने से भाजपा संघ नाराज
2023 जुलाई में अजीत पवार को गठबंधन में शामिल किया गया था, जहां उनके नौ विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। हालांकि, अजीत का आना भाजपा समर्थकों को रास नहीं आया। जिसका असर लोकसभा चुनाव में भी दिखाई दिया। यही नहीं चुनाव में अजीत गुट अपना वोट महायुति को ट्रांसफर भी नही करा पाए। चुनाव परिणाम सामने आने के बाद संघ ने भी गठबंधन पर सवाल उठाए। एक लेख के जरिए संघ ने कहा कि, बहुमत वाली सरकार होने के बावजूद अजीत गुट को सरकार में लाना सही नही था।
भाजपा ने अपने लिए रखा 150 सीटों का लक्ष्य
स्मृति भवन में हुई बैठक में उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने 150 सीटो का लक्ष्य रखा है। फडणवीस ने कहा, लोकसभा चुनाव में हम 125 सीटों पर आगे रहे हैं, वहीं 25 सीट ऐसी थी जहां मुकाबला बेहद कड़ा रहा। अगर थोड़ी मेहनत और नई रणनीति के साथ चुनाव में जाया जाए तो हम सभी सीटों पर जीत हासिल कर सकते हैं। वहीं गठबंधन के साथ हम कई सीटों पर जीत हासिल कर सकते हैं। लेकिन 157 सीट ऐसी हैं जहां हमें आसानी से जीत मिल सकती है।
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