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Maharashtra

राष्ट्रवादी की आपदा में कांग्रेस को अवसर, चार साल बाद नेता प्रतिपक्ष पद पर होगा कब्ज़ा!


नागपुर: महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) के वरिष्ठ नेता अजित पवार 40 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) की सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार ने जहां उपमुख्यमंत्री और अन्य आठ विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस और शरद पवार (Sharad Pawar) के ऊपर आई इस आपदा में कांग्रेस को अवसर मिल गया है। अजित के पवार के सरकार में शामिल होने के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस के पास चला जाएगा। करीब चार साल बाद कांग्रेस के पास यह पद जाएगा। 

2019 में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ते हुए उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और शरद पवार के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई थी। उस दौरान शिवसेना के 56, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 सहित कई निर्दलीयों के समर्थंन से सरकार बनाई थी। बीते साल एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के साथ मिलकर बगावत कर दी थी और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। जिसके बाद 54 विधायकों वाली एनसीपी सबसे बड़ी पार्टी बनी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार को बनाया गया। 

अजित पवार ने सरकार में शामिल होने के समय सभी विधायकों के समर्थन होने की बात कही। हालांकि, सूत्रों की माने तो 40 विधानसभा और छह विधान परिषद् विधायकों ने अजित पवार के साथ जाने की कही है। अगर इसे माने तो शरद पवार के साथ वर्तमान में 14 विधायक ही रह गए हैं। इसलिए अब शरद पवार समर्थक विधायकों को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद मिलना बेहद मुश्किल है। 

कांग्रेस के पास वर्तमान में विधानसभा के अंदर 44 विधायक है। वहीं महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस सबसे बड़ा दल बन गया है। वहीं तीनों पार्टियों के बीच तय नियम के अनुसार, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस को मिलना तय है। अगर ऐसा होता है तो चार साल बाद एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस का कब्ज़ा होगा। हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। शरद पवार को जान्ने वाले कहते हैं, वह संकट से कैसे निकलना उन्हें बखूबी आता है। 2019 में वह अपना यह हुनर दिखा चुके हैं। 

अजित पवार के सरकार में शामिल होने के  बाद विधानसभा का आकड़ा 

सत्ता पक्ष 

(शिंदे गुट, भाजपा और अजित पवार)

विपक्ष 

(उद्धव गुट, कांग्रेस और शरद पवार)

भाजपा 

106 

कांग्रेस 

44 

शिवसेना 

40 

शिवसेना उद्धव गुट 

16 

अजित पवार 

40 

(सूत्रों के अनुसार)

एनसीपी 

(शारद पवार)

13 

निर्दलीय 

21 

निर्दलीय 

टोटल 

207 

 

81