मराठा आरक्षण आंदोलन की आड़ में अशांति फैलाने के आरोपों की जांच करेगी SIT: मुख्यमंत्री
मुंबई: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज विधान परिषद में घोषणा की कि मराठा आरक्षण आंदोलन की आड़ में अशांति फैलाने के आरोपों की जांच विशेष जांच दल करेगा. मुख्यमंत्री ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कहते हुए कहा कि विपक्ष को भी इस मामले में सहयोगी भूमिका निभानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने किसी से भी इस बात को लेकर भ्रम पैदा नहीं करने की अपील की कि सरकार ने गहन अध्ययन के बाद मराठा समुदाय को आरक्षण दिया है और वह कानून की कसौटी पर और विपक्षी दलों को विश्वास में लेकर खरा उतरेगी. उन्होंने चेतावनी दी कि वह इस तरह के सांप्रदायिक झगड़े को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कानून के हिसाब से नहीं चलने पर मांगें पूरी नहीं हो सकती. जब जरांगे ईमानदारी से विरोध कर रहे थे तो उन्होंने उनका समर्थन किया, लेकिन उन्होंने आलोचना की कि जरांगे की मांगें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं और उनकी भाषा राजनीतिक हो गई है. इससे पहले विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक और हंगामा हुआ, जिसके कारण कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष ने भी बैठक का बहिष्कार किया.
भाजपा समूह नेता प्रवीण दरेकर ने आज मांग की कि राज्य सरकार द्वारा मराठा समुदाय को आरक्षण देने के बाद भी राज्य में अशांति और अराजकता फैलाई जा रही है. इस साजिश के पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगाया जाना चाहिए और मामला दर्ज किया जाना चाहिए और एसआईटी के माध्यम से जांच की जानी चाहिए. दरेकर ने यह भी मांग की कि उपमुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले मनोज जारांगे पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और गिरफ्तार किया जाना चाहिए, और जरांगे की बैठकों के वित्तीय लेनदेन की ईडी के माध्यम से जांच की जानी चाहिए.
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