कादम्बिनी गांगुली से लेकर आनंदीबाई जोशी, भारतीय विज्ञान परिषद में महिला वैज्ञानिकों के जीवन की लगी प्रदर्शनी

नागपुर: भारतीय विज्ञान कांग्रेस की प्रदर्शनी में महिला वैज्ञानिकों की जीवनी 'आनंदीबाई जोशी से कादम्बिनी गांगुली' को प्रस्तुत किया गया है। 'हॉल ऑफ प्राईड’ हॉल में आयोजित इस प्रदर्शनी में आनंदीबाई जोशी, केतयुन अर्देशिर दिनशाय, बिमला बूटी, इरावती कर्वे, असीमा चटर्जी, डॉ. जानकी अम्मल, अन्ना मणि, कमल रणदिवे, डॉ. विभा चौधरी, कादम्बिनी गांगुली, मैरी पूनन लुकोस, कमल रणदिवे जैसे विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देने वाली महिला वैज्ञानिकों के बारे में जानकारी शामिल है।
चिकित्सा के क्षेत्र में ऑन्कोलॉजिस्ट केतायुन अर्देशिर दिनशाया द्वारा विशेष रूप से कैंसर के लिए विकिरण चिकित्सा पर किए गए शोध के बारे में जानकारी यहां दी गई है। इस प्रदर्शनी में पहली भारतीय महिला रसायनज्ञ असीमा चटर्जी को विज्ञान प्रतिभाओं के बारे में जानकारी दी गई है। भटनागर शांति पुरस्कार प्राप्त किया, जिसे भारत का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्हें 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया था।
अन्ना मणि को भारत की 'मौसम महिला' के रूप में जाना जाता है। अन्ना मणि ने भारतीय मौसम वेधशालाओं के डिजाइन में बहुत योगदान दिया है। उनके द्वारा निर्मित मौसम वेधशालाएं भारत की जलवायु के पहलुओं को मापने और भविष्यवाणी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
इस प्रदर्शनी में बिमला बूटी, इरावती कर्वे, कमल रणदिवे, आनंदी गोपाल जोशी, डॉ. विभा चौधरी, कादम्बिनी गांगुली, मैरी पूनन लुकोस, कमल रणदिवे द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में दिए गए अमूल्य योगदान की प्रेरक जानकारी देखी व पढ़ी जा सकती है। साथ ही विज्ञान के क्षेत्र में अन्य देशों की तुलना में देश में महिला वैज्ञानिकों की संख्या, अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान और अन्य रोचक जानकारी इस प्रदर्शनी में देखी जा सकती है।

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