मानव - वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए सरकार का कदम, जंगलों में लगाए जाएंगे एआई आधारित 900 कैमरे

नागपुर: राज्य में मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए सरकार ने एक और अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है। सरकार राज्य के विभिन्न बाघ अभ्यारणों में एआई आधारित 900 कैमरे लगाएगी। इसके लिए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और राज्य मंत्री आशीष जायसवाल की उपस्थिति में मार्वल कंपनी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
बाघों की संख्या में वृद्धि के कारण जंगली क्षेत्रों में कई लोगों की जान चली गई है। इसके समाधान के रूप में, राज्य के बाघ अभयारण्यों में एआई आधारित तकनीक से लैस 900 कैमरे लगाए जाएंगे। इस बारे बात करते हुए राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने बताया कि यह तकनीक वन क्षेत्र में बाघ या तेंदुए की आवाज सुनाई देने पर वन विभाग को अलर्ट भेज देगी, जिससे ग्रामीण सतर्क हो जाएंगे। इससे जान-माल की हानि कम होगी। जायसवाल ने कहा कि वन विभाग जंगली जानवरों से खाली हो चुके वन क्षेत्र की जमीन को किराए पर लेगा और किसानों को इसके लिए अच्छा पैसा दिया जाएगा।
वहीं, इस बारे में बोलते हुए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि ये एआई आधारित कैमरे ताड़ोबा से लेकर नवेगांव बांध तक सभी वन क्षेत्रों में लगाए जाएंगे। जब कोई बाघ या तेंदुआ किसी गांव या निजी संपत्ति की ओर आता हुआ दिखाई देगा, तो ये कैमरे उसका पता लगा लेंगे और तुरंत गांव में अलार्म बजा देंगे। बावनकुले ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसीलिए बाघ गांव में आ रहे हैं। हाल के दिनों में बाघों के अचानक हमलों के कारण कुछ लोगों की जान चली गई है। यह तकनीक लोगों की जान बचाने के लिए है। यदि इस तकनीक का उपयोग जंगल में किया जाए तो इससे जीवन की हानि बहुत कम हो जाएगी।

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