कभी छोड़ी थी 10 वी कक्षा की पढ़ाई,कई बिजनेस में रहे नाकाम, आज है देश के चुनिंदा उद्योगपति,ये कहानी है सत्यनारायण नुवाल की

नागपुर: नागपुर के प्रसिद्ध उद्योगपति सत्यनारायण नुवाल को बिजनेस क्षेत्र की प्रतिष्ठित पत्रिका फ़ोर्ब्स ने अपने भारतीय संस्करण के कव्हर पेज में जगह दी है.व्यापर जगत की इस पत्रिका में जगह मिल पाना ही अपने आप में गर्व की बात है.नुवाल नागपुर के ही है इसलिए यह नागपुर के लिए भी गर्व की बात है.नुवाल की कंपनी सोलार इंड्रस्टीज कोई ऐसा वैसा बिजनेस नहीं करती बल्कि ये बम और रक्षा हथियार तैयार करने के उद्योग से जुड़ी हुई है.राजस्थान के भीलवाड़ा में एक छोटे से गांव में जन्मे 70 वर्षीय नुवाल का जीवन किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं,कभी 10 वी की पढाई छोड़ने वाले नुवाल आज देश ही नहीं दुनिया के सफल उद्योगपतियों में से एक है.उनकी कंपनी मिडल ईस्ट एशिया में रक्षा सामग्री बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है.फ़ोर्ब्स के ही मुताबिक सत्यनारायण नुवाल की कंपनी एशिया की 200 बेस्ट बिलिनियर कंपनीयों में से एक है.इस आर्टिकल में हम सत्यनारायण नुवाल की कंपनी उनके जीवन और बिजनेस स्किल्स की चर्चा कर रहे है.
कभी छोड़ी थी 10 वी की पढ़ाई
ऐसा कहा जाता है सफलता संघर्ष और भाग्य के दम पर मिलती है.कुछ ऐसा ही हम सत्यनारायण नुवाल की जिंदगी के अलग-अलग पहलुओं से अनुभव कर सकते है.आज उनकी कंपनी का व्यापार 25 बिलियन डॉलर से अधिक का है.वह 51 देशों में अपने रक्षा उत्पादों को बेचते है.उनकी कंपनी दुनिया भर में में निजी क्षेत्र की रक्षा उत्पाद बनाने वाली प्रमुख कंपनियों में शुमार है.स्टॉक एक्सचेंज में उनकी कंपनी बीते 7 वर्षो से बेस्ट परफॉर्मेंस कंपनी है.सबसे खास बात है की नुवाल ने सिर्फ 10 वी तक ही पढाई की है लेकिन आज उनकी कंपनी में देश ही नहीं दुनिया के बेस्ट दिमाग़ के लोग उनके पास है.
शुरुवात में कई व्यापार किये असफल रहे रेल्वे के प्लेटफार्म पर भी सोये
सत्यनारायण नुवाल ने छोटी उम्र से ही व्यापार करना का लक्ष्य सुनिश्चित कर लिया था.वर्ष 1970 में उन्होंने सबसे पहले स्याही बनाने का काम शुरू किया जो असफल रहा। उनके बाद कई कामों में हाथ डाला लेकिन कामयाबी नहीं मिली। यहाँ तक की ट्रांसपोर्ट और परिवहन से जुड़े उपक्रमों में भी उन्होंने हांथ आजमाया 1970 दशक के अंतिम समय में उन्हें विस्फोटक बनाने का लाइसेंस मिला तब से लेकर अब तक साल दर साल नुवाल का काम बढ़ता रहा.शुरुवात के दिनों में वो कोयला खदानों में विस्फोटक की आपूर्ति करने लगे.उनकी कंपनी देश में आज भी निजी क्षेत्र के ऐसा काम जहां विस्फोट सामग्री की जरुरत होती है सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ता है.हालही में केंद्र सरकार के रक्षा क्षेत्र के विलीनिगीकरण के निर्णय के बाद सोलार इंड्रस्टी ने इस क्षेत्र में बड़े अवसर को तलाशते हुए देश की सेना के लिए हथियार बनाने शुरू किये। वर्ष 2010 में सोलर देश की पहली निजी कंपनी थी जिसने भारत सरकार से भारत के रक्षा बलों के लिए हथियार बनाने के लिए विस्फोटक बनाने का लाइसेंस मिला था। उस दौर में सरकार की ऐसी सोच नहीं थी की था कि भारत में निजी क्षेत्र गोला-बारूद का उत्पादन कर सकता है बावजूद इसके नुवाल इस काम के लिए आश्वस्त थे.संघर्ष के शुरुआती दिनों में नुवाल को रेल्वे के प्लेटफार्म पर भी सोने की नौबत आयी और एक दौर ऐसा भी आया जब अपनी पत्नी के इलाज के लिए उन्हें गहने तक गिरवी रखने पड़े.नुवाल के पिता एक सरकारी कर्मचारी थे घर में व्यापर का कोई माहौल नहीं था फिर भी सत्यनारायण नुवाल ने अपनी नई राह चुनी।
महिंद्रा और निलेकणी से भी अमीर है लेकिन गुरुर से परे
हालही में फ़ोर्ब्स ने देश के 100 अमीर लोगों की सूचि जाहिर ही है इसमें नुवाल 72 वे स्थान पर है.फोर्ब्स हर साल देश के शीर्ष 100 सबसे अमीर लोगों की सूची प्रकाशित करती है। इसमें शामिल होने की हर उद्यमी की आकांक्षा होती है। इस सूची में सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सत्यनारायण नुवाल भी शामिल हैं। खास बात यह है कि उन्होंने इसमें दिग्गज आनंद महिंद्रा, नंदन नीलेकणी को भी पीछे छोड़ दिया है।फोर्ब्स की सूची में कम से कम 1.9 अरब डॉलर वाले कारोबारियों या परिवारों की सूची शामिल है। सूची को व्यापारिक परिवारों के साथ-साथ व्यक्तियों, स्टॉक एक्सचेंजों, विश्लेषण, भारत के वित्तीय नियामक निकायों से शेयरहोल्डिंग और वित्तीय जानकारी का उपयोग करके संकलित किया जाता है. सत्यनारायण नुवाल ने इस लिस्ट में 72वीं रैंक हासिल की है। उनके पास कुल 3 अरब डॉलर की संपत्ति है। नुवाल ने 1995 में सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड की स्थापना की।
सत्यनारायण नुवाल का व्यापार दुनिया भर में फैला हुआ है लेकिन उन्होंने नागपुर को अपना आशियाना बनाया है.वो यही रहते है और यही कंपनी का हेड ऑफिस भी है.अगर कभी नुवाल से मिलने का मौका मिले तो उनकी विनम्रता का अनुभव होगा। वो कई सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए है बेहद धार्मिक नुवाल परोपकारों के कार्यो में भी सक्रीय रहते है.

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