एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में संबंध बनाना बलात्कार नहीं,बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की अहम टिप्पणी
नागपुर: एक मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने संबंधों को लेकर अहम टिप्पणी की है.इस टिप्पणी का असर आने वाले समय में हाईकोर्ट की इस टिप्पणी का क़ानूनी मामलों में असर दिखाई दे सकता है.अपने हालिया फ़ैसले में हाईकोर्ट ने कहा है की एक पुरुष और विवाहित महिला के बीच सहमति से बने शारीरिक संबंध को बलात्कार नहीं माना जा सकता और ऐसे मामले में यह भी कहना गलत होगा की इसके लिए पुरुष अकेले दोषी है.अपनी टिप्पणी और निरीक्षण के ही साथ हाईकोर्ट ने यवतमाल के के 37 वर्षीय युवक को बलात्कार के आरोपों से बरी कर दिया है.इस मामले में युवक और पीड़िता जो विवाहित है उनके बीच प्रेम संबंध स्थापित हो गए थे.इसी बीच दोनों ने शारीरिक संबंध भी बनाये। यह महिला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर था.दोनों के बीच सबकुछ था.लेकिन महिला जो इस मामले में पीड़िता है उसने आरोपी पर विवाह के लिए दबाव बनाया युवक इसके लिए तैयार नहीं हुआ.इसी वर्ष एक दिन पीड़िता ने अवधूतवाड़ी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया की आरोपी ने शादी का झांसा देकर उस पर बलात्कार किया। इस मामले की एफआईआर को ख़ारिज करने के लिए युवक ने हाईकोर्ट की शरण ली.दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने माना की यह एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर था.महिला चूँकि पहले से शादीशुदा थी तो युवक उससे शादी नहीं कर सकता था.इसलिए इस मामले को बलात्कार से नहीं जोड़ा जा सकता। इस मामले में आरोपी बनाये गए युवक को अदालत ने राहत दी और उसे आरोपों से मुक्त कर दिया।
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