नागपुर मंडल ने 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य किया पूरा, हर साल 342 करोड़ की होगी बचत

नागपुर: मध्य रेलवे के नागपुर मंडल के लिए सोमवार का दिन बेहद अहम रहा। मंडल ने 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल कर लिया। इस लक्ष्य की पूर्ति के बाद जहां रेलवे हर साल जहां 342 करोड़ की बचत होगी, वहीं 1.05 लाख कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। इस बात की जानकारी मध्य रेलवे ने अपनी अधिसूचना में दी।
ज्ञात हो कि, भारतीय रेल दुनिया में सबसे बड़ा हरित रेलवे बनने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है और 2030 से पहले "शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जक" बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने उन सभी मार्गों का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा हुआ है, जहां वर्तमान में नहीं किया गया है।
मध्य रेलवे के नागपुर डिवीजन में 970 आरकेएम और 2,332 टीकेएम ब्रॉड गेज रूट हैं। मंडल की कुल स्थापित कर्षण बिजली आपूर्ति क्षमता 753 एमवीए है जिसमें 17 कर्षण उप स्टेशन शामिल हैं। इटारसी-नागपुर, नागपुर-बडनेरा, सेवाग्राम-बल्हारशाह, अमला-छिंदवाड़ा, नरखेर-चंदूर बाजार और वानी-पिंपलखुटी खंडों में रेलवे विद्युतीकरण क्रमशः सितंबर 1989, फरवरी 1991, सितंबर 1989, अगस्त 2017, अगस्त 2017 और फरवरी 2020 में पूरा किया गया था। वानी-पिंपलखुटी के बीच लगभग 67 आरकेएम के अंतिम पैच के विद्युतीकरण के साथ मंडल का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया।
विद्युतीकरण के कारण यह होंगे लाभ
- पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन
- आयातित डीजल ईंधन पर निर्भरता कम हुई, जिससे कीमती विदेशी मुद्रा की बचत हुई और कार्बन फुटप्रिंट्स में कमी आई
- कम परिचालन लागत
- इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की उच्च ढुलाई क्षमता वाली भारी मालगाड़ियों और लंबी यात्री ट्रेनों की ढुलाई से थ्रूपुट में वृद्धि हुई
- कर्षण परिवर्तन के कारण अवरोधन को समाप्त करके अनुभागीय क्षमता में वृद्धि

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