नई विधानसभा निर्माण प्रोजेक्ट में बढ़ा विवाद, पेड़ो की कटाई को लेकर पर्यावरणवादियों ने खोला मोर्चा
नागपुर: नागपुर में प्रस्तावित नए विधानसभा भवन को लेकर शुरू हुआ विवाद अब प्रशासन और सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। परिसर में बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई के विरोध ने तूल पकड़ लिया है। पर्यावरणविदों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों के दबाव के बीच सरकार ने अब पीछे हटते हुए नए विधानसभा भवन के डिजाइन में बदलाव करने का संकेत दिया है, ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे।
नागपुर में नए विधानसभा भवन के निर्माण को लेकर सरकार की योजना अब नए सिरे से तैयार की जा रही है। पहले प्रस्तावित डिजाइन के अनुसार विधानसभा परिसर में करीब 70 पेड़ों की कटाई होनी थी। जैसे ही यह जानकारी सामने आई, वैसे ही शहर में विरोध शुरू हो गया। पर्यावरण संगठनों ने इसे हरित क्षेत्र पर हमला बताते हुए आंदोलन तेज कर दिया, वहीं सोशल मीडिया पर भी सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा।
विरोध को देखते हुए प्रशासन ने अब भवन के डिजाइन में बदलाव पर विचार शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, नए नक्शे में ऐसे संशोधन किए जाएंगे जिससे पुराने और बड़े पेड़ों को बचाया जा सके। इसके लिए भवन के आकार, लेआउट और निर्माण क्षेत्र में बदलाव की संभावना है। प्रशासन का कहना है कि प्रयास यह रहेगा कि न्यूनतम पेड़ों की कटाई हो और विकास तथा पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बना रहे।
जानकारी के अनुसार, नए विधानसभा परिसर में विधानसभा और विधान परिषद के लिए अलग-अलग भवनों के बजाय एकीकृत परिसर की योजना है, जिसमें सेंट्रल हॉल और अन्य प्रशासनिक सुविधाएं शामिल होंगी। पहले की योजना में बड़े पैमाने पर हरित क्षेत्र प्रभावित हो रहा था, लेकिन अब उसी को ध्यान में रखते हुए डिजाइन में बदलाव किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर, इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए करीब 1200 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव तैयार किया गया है, लेकिन अब तक इसे प्रशासनिक मंजूरी नहीं मिल पाई है। मंजूरी मिलने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। फिलहाल सरकार और प्रशासन पर्यावरणीय आपत्तियों को दूर करने और विरोध को शांत करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
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