विधानसभा में बिना चर्चा लोकायुक्त कानून हुआ पास, फडणवीस ने सदस्यों को दिया जवाब

नागपुर: राज्य का सबसे महत्वाकांक्षी लोकायुक्त विधेयक विधानसभा (Assembly Session) से पास कर दिया गया है। विपक्ष के अनुपस्थिति में सदन में इस विधेयक को पास किया है। कानून के पास होने के बाद अब मुख्यमंत्री और मंत्री भी लोकायुक्त के दायरे पर आ चुके हैं। लोकायुक्त कानून (Lokyukt Law) के पास होने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) ने सभी सदस्यों का आभार जताया है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “लोकायुक्त विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करने के लिए मैं इस सदन को धन्यवाद देता हूं। वास्तव में, यह और अधिक सुखद होता अगर सामने की बेंच पर मौजूद लोग होते। इस बिल पर हमने विपक्ष से भी चर्चा की थी। यदि ऐसा है, तो इस बिल पर आम सहमति को और अधिक ठीक से दिखाया जा सकता था।"
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “इस अवसर पर, मैं यह बताना चाहूंगा कि केंद्र सरकार द्वारा लोकपाल अधिनियम की शुरुआत के बाद, यह अपेक्षा की गई थी कि देश के राज्य उसी तर्ज पर लोकायुक्त अधिनियम पारित करें। इसके लिए वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे ने अनशन किया। तब मैं और गिरीश महाजन खुद अन्ना हजारे के पास गए और उन्हें आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र सरकार आपकी उम्मीद के मुताबिक ऐसा लोकायुक्त अधिनियम तैयार करेगी।”
फडणवीस ने कहा, “अन्ना हजारे ने मांग की थी कि इस कानून को पारित करते समय हमें विश्वास में लिया जाना चाहिए। इसलिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। उस समिति में अन्ना हजारे और उनके द्वारा सुझाए गए प्रतिनिधि शामिल थे। मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए बैठकें आयोजित की गईं। साथ ही, हमने उस समिति द्वारा सुझाए गए सभी परिवर्तनों को स्वीकार किया।”
सुप्रीम कोर्ट के निवृत्त न्यायाधीश
लोकायुक्त में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के पूर्व चीफ न्यायालय के नेतृत्व में पांच लोगों की एक टीम होगी। इस समिति में दो न्यायाधीशों की बेंच होगी। यानि पूरी समिति में सात लोग होंगे।

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