नागपुर में स्थापित होगी पेट्रोकेमिकल परियोजना! एमआईडीसी और इंजीनियर इंडिया लिमिटेड करेगी रिपोर्ट तैयार

नागपुर: महाराष्ट्र राज्य औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) और केंद्र सरकार की कंपनी इंजीनियर इंडिया लिमिटेड संयुक्त रूप से नागपुर में 'पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स' स्थापित करने के लिए व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करेंगे। यह जानकारी विदर्भ इकोनॉमिक डेवलपमेंट काउंसिल ने दी,काउंसिल ने बताया की विदर्भ के लिहाज से इस अहम प्रोजेक्ट के लिए टेक्नो इकोनॉमिक फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट आने वाले तीन से चार महीने में तैयार हो जायेगी।
विदर्भ में एक 'रिफाइनरी' और 'पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स' स्थापित करने की मांग की जा रही है। इससे मध्य भारत में 'पेट्रोकेमिकल' उत्पादों की कीमतों में कमी आएगी। साथ ही यहां के उद्यमियों का कहना है कि यहां का औद्योगिक पिछड़ापन कुछ हद तक दूर हो जाएगा। विदर्भ के लिए इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए एक तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन किया जाएगा और अगले तीन से चार महीनों में एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। विदर्भ आर्थिक विकास परिषद (वीईडी) के तत्कालीन उपाध्यक्ष प्रदीप माहेश्वरी ने विशेषज्ञों से इस परियोजना की योजना तैयार की थी। केंद्र और राज्य सरकार के साथ भी फॉलो अप किया गया।
प्रक्रिया में गति आती दिखाई दे रही है.विदर्भ इकोनॉमिक डेवलपमेंट काउंसिल इस प्रोजेक्ट को विदर्भ में स्थापित किये जाने की मांग तत्कालीन विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस से की थी जिसे लेकर फडणवीस ने तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भी की थी.नागपुर में शीतकालीन अधिवेशन के दौरान मुख्यमंत्री ने इसी प्रोजेक्ट को लेकर एमआयडीसी के अधिकारियों के साथ बैठक की थी जिसमे एक समिति का गठन कर टेक्नो इकोनॉमिक फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था.वेद के अध्यक्ष देवेंद्र पारेख ने बताया की हालही में एमआयडीसी के सीईओ डॉ विपिन शर्मा से हुई चर्चा में उन्होंने केंद्र की कंपनी इंजीनियर इंडिया लिमिटेड के साथ इस रिपोर्ट को तैयार करने की हामी दर्शाई है।
फडणवीस ख़ासे सकारात्मक
वेद के अध्यक्ष देवेंद्र पारेख ने बताया की इस प्रोजेक्ट को लेकर खुद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ख़ासे सकारात्मक है इसलिए आने वाले तीन से चार महीने में प्रोजेक्ट विदर्भ में लगे इसे लेकर पोजिटिव्ह रिपोर्ट हमारे सामने होगी।
पेट्रोलियम रिफायनरी के साथ खुलेंगे नए अवसर
विदर्भ इकोनॉमिक डेवलपमेंट काउंसिल के मुताबिक यह प्रोजेक्ट विदर्भ में सफल रहेगा। पेट्रोलियम रिफायनरी में प्रोसेस के दौरान कई तरह के वेस्ट निकलते है जिनके आधार पर कई अन्य चीजों का निर्माण होता है पेट्रोकेमिकल से प्रमुखतः प्लास्टिक का निर्माण होता है.देश भर में कई जगहों पर पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स मौजूद है.अगर यह प्रोजेक्ट विदर्भ या नागपुर में आता है तो इससे 500 से 1000 छोटे उद्योगों के खुलने की संभावना वेद को है.

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