प्रधानमंत्री मोदी ने मराठी में जनता को किया संबोधित, कहा- 11 सितारों का नक्षत्र राज्य के विकास को नई ऊर्जा देगा

नागपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एक दिन के नागपुर दौरे पर पहुंचे। जहां प्रधानमंत्री ने 75 हजार से ज्यादा की विकास परियोजन का लोकार्पण और शिलान्यास किया। जिसमें समृद्धि महामार्ग, महामेट्रो के पहले चरण का उद्घाटन और दूसरे चरण का शिलान्यास, एम्स का लोकार्पण सहित कई योजना है। इसके बाद प्रधनमंत्री ने एक सभा को भी संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरुआत प्रधानमंत्री ने मराठी में की। इसी के साथ उन्होंने नागपुर के मशहूर टेकड़ी मंदिर में भगवन गणेश को प्रणाम भी किया।
11 सितारों के महान नक्षत्र का उदय
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज महाराष्ट्र के विकास के लिए 11 सितारों के महान नक्षत्र का उदय हो रहा है। 75 साल के अमृत महोत्सव में 75 हजार करोड़ के विकास कार्यों के लिए महाराष्ट्र को और महाराष्ट्र की जनता को बहुत-बहुत बधाई। समृद्धि महामार्ग से मुंबई और नागपुर के बीच की दूरी तो कम होगी ही साथ ही ये महाराष्ट्र के 24 जिलों को आधुनिक कनेक्टिविटी से जोड़ रहा है।” उन्होंने कहा, "“आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है, वे महाराष्ट्र के विकास को नई दिशा देंगी। ये परियोजनाएं राज्य में बुनियादी ढांचे की समग्र दृष्टि प्रदान करती हैं। यह इस बात का सबूत है कि महाराष्ट्र और केंद्र में डबल इंजन की सरकार कितनी तेजी से काम कर रही है।”
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को दिया ह्यूमन टच
पीएम ने कहा, “आज देश में पहली बार ऐसी सरकार बनी है, जिसने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को ह्यूमन टच दिया है। सरकार का ध्यान समग्र दृष्टि और दृष्टिकोण के साथ बुनियादी ढांचे के विकास पर है।” उन्होंने आगे कहा, “इस 'अमृत काल' में राज्यों की प्रगति देश के विकास को शक्ति देगी।”
मोदी ने कहा, "बीते 8 वर्षों में हमने सोच और अप्रोच दोनों बदली है। हम 'सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास, पर बल दे रहे हैं। मैं जब 'सबका प्रयास' कहता हूं तो इसमें हर देशवासी और राज्य शामिल है। छोटा-बड़ा सबका सामर्थ्य बढ़ेगा तब भारत विकसित बनेगा।"
आज चौथी औद्योगिक क्रांति का समय
पीएम ने कहा, "स्थिर विकास और विकास के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टि महत्वपूर्ण है। भारत चौथी औद्योगिक क्रांति से नहीं चूक सकता, अवसर दोबारा नहीं आएगा। हम पहली औद्योगिक क्रांति का लाभ नहीं उठा पाए, दूसरी-तीसरी औद्यौगिक क्रांति में पीछे रहे। लेकिन आज जब चौथी औद्योगिक क्रांति का समय है, तो भारत इसे गंवा नहीं सकता।"
पिछली सरकारो ने गोसीखुर्द का काम नहीं किया पूरा
अपने समाधान के दौरान प्रधानमंत्री ने गोसीखुर्द का भी जिक्र किया। पीएम के कहा, "करीब 35 साल पहले गोसीखुर्द बांध का शिलान्यास किया गया था और उस समय इसकी अनुमानित लागत करीब 400 करोड़, 30 लाख रुपये थी। लेकिन दुख की बात है कि सदियों से असंवेदनशील शासन ने बांध परियोजना को फलीभूत नहीं होने दिया। पिछली सरकार की नाकामियों के कामों को लटकाने के कारण इसकी लागत 18 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा हो गई है।" उन्होंने आगे कहा, "वहीं अब डबल इंजन की सरकार ने कई समाधान निकाले हैं और गोसीखुर्द बांध की प्रक्रिया तेज कर दी है. आज, यह लोगों को पहले की तरह लाभान्वित कर रहा है।

admin
News Admin