आरटीआई से हासिल जानकारी में चौकाने वाला ख़ुलासा,देश में बैंकों के साथ 39 हजार 698 करोड़ की धोखाधड़ी

नागपुर:देश में बैंकों के साथ धोखाधड़ी के कई मामले सामने आये है.लेकिन आश्चर्य की बात तो ये है कि देश में अलग अलग बैंकों से 5 या 10 करोड़ नहीं बल्कि 39 हजार 698 करोड़ रुपये को धोखाधड़ी हुई है। इस बात का खुलासा आरटीआई के तहत आरबीआई के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर हुआ है।
देश भर के सरकारी बैंकों, निजी बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 2022 में 39,698 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है नागपुर के आरटीआई कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने सूचना के अधिकार के तहत आरबीआई से जानकारी मांगी थी , जिसमे ये बात सामने आई है की जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2022 के बीच इन बैंकों में धोखाधड़ी के 64 हजार 856 मामले सामने आए हैं.जिसमें बैंकों से 39 हजार 698 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है।
खास बात तो ये है कि इसमें सबसे अधिक कोटक महिंद्रा बैंक में 18 हजार करोड़ रूपये की धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं. जबकि स्टेट बँक ऑफ इंडिया में भी 5 हजार 527 रुपये की धोखाधड़ी हुई है।
सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के शिकार टॉप 5 बैंक
# भारतीय स्टेट बैंक -- 5,527 करोड़ रु
# आईडीबीआई बैंक--4,461 करोड़ रु
# पंजाब नेशनल बैंक-- 4,293 करोड़ रु
# बैंक ऑफ बड़ौदा--3077 करोड़ रु
# यूनियन बैंक--3064 करोड़ रु
एटीएम कार्ड, ऑनलाइन, क्रेडिट कार्ड के जरिए बैंकों से ठगी हुई है साथ ही बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से भी कई तरह की धोखाधड़ी सामने आई है. बैंक कर्मचारियों के मिलीभगत के 380 मामले हैं जिनके जरिए विभिन्न बैंकों से 354 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। धोखाधड़ी के मामले से बचने के लिए बैंकिंग वित्तीय प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने की जरूरत है. इसके साथ ही ग्राहकों को भी शिक्षित करने की जरूरत है।
सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के शिकार टॉप 5 बैंक
# भारतीय स्टेट बैंक -- 5,527 करोड़ रु
# आईडीबीआई बैंक--4,461 करोड़ रु
# पंजाब नेशनल बैंक-- 4,293 करोड़ रु
# बैंक ऑफ बड़ौदा--3077 करोड़ रु
# यूनियन बैंक--3064 करोड़ रु
एटीएम कार्ड, ऑनलाइन, क्रेडिट कार्ड के जरिए बैंकों से ठगी हुई है साथ ही बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से भी कई तरह की धोखाधड़ी सामने आई है. बैंक कर्मचारियों के मिलीभगत के 380 मामले हैं जिनके जरिए विभिन्न बैंकों से 354 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। धोखाधड़ी के मामले से बचने के लिए बैंकिंग वित्तीय प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने की जरूरत है. इसके साथ ही ग्राहकों को भी शिक्षित करने की जरूरत है।

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