बच्चे ने नायलॉन मांजे का किया इस्तेमाल, माता-पिता को भरना होगा 50,000 का जुर्माना!
नागपुर: मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने नायलॉन मांजा के अलग-अलग मामलों की सुनवाई के दौरान सवाल उठाया है कि समय-समय पर दिए गए आदेशों के बावजूद इसे नहीं रोका जाता है, तो मांजा इस्तेमाल करने वाले बच्चों के माता-पिता, बेचने वालों और संबंधित पक्षों के खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए और जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि अगर संबंधित पक्षों को इस निर्णय के विरुद्ध कुछ कहना है, तो वे 5 जनवरी को होने वाली सुनवाई में कोर्ट के सामने अपनी बात पेश करें।
नायलॉन मांजा को लेकर नागपुर हाई कोर्ट बेंच में दायर याचिका की सुनवाई में कई सवाल उठाए गए। कोर्ट ने कहा है कि इस बारे में मांजा बेचने वालों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इसके साथ ही, न्यायाधीश अनिल किलोर और रजनीश व्यास ने सवाल उठाया कि अगर कोई नाबालिग नायलॉन मांजा से पतंग उड़ाता हुआ पाया जाता है, तो उसके माता-पिता को कोर्ट में 50,000 रुपये का जुर्माना जमा करने का निर्देश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए?
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल उठाया कि अगर कोई वयस्क नायलॉन मांजे से पतंग उड़ाता हुआ पाया जाता है, तो उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना क्यों न लगाया जाए और जिस विक्रेता के पास बेचने के लिए यह मांजा पाया जाता है, उसे हर नियम तोड़ने पर ढाई लाख रुपये का जुर्माना जमा करने का आदेश क्यों न दिया जाए? कोर्ट ने यह भी साफ किया इस बारे में अगली सुनवाई 5 जनवरी को तय की गई है और जो कार्रवाई के खिलाफ कुछ कहना है, वे खुद कोर्ट में पेश हों और अपनी बात रखें।
कोर्ट ने कहा है कि अगर इस सुनवाई के दौरान कोई भी पेश नहीं होता है और अपनी बात नहीं रखता है, तो यह मान लिया जाएगा कि इस प्रस्ताव पर किसी को कोई एतराज़ नहीं है। इस बारे में कोर्ट ने सभी जिला अधिकारियों को जनता में बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाने के लिए हर मुमकिन प्रयास करने का भी आदेश दिया है।
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