बिजली के लिए चुकानी पड़ रही जान की कीमत! गूगल मैप में दिखा खापरखेड़ा पावर प्लांट का प्रदुषण

नागपुर: पिछले कई दिनों से खापरखेड़ा का पावर प्लांट चर्चाओं में बना हुआ है। प्लांट से निकलने वाला प्रदूषण लगातार आसपास के नागरिकों के जान मुश्किल में डाले हुए हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर प्लांट को लेकर गूगल मैप्स की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें प्लांट की चिमनियों से बड़ी मात्रा में धुआं निकलते देखा जा सकता है। यहीं नहीं धुआँ प्लांट से कई किलोमीटर दूर जाता दिखाई दे रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नागपुर की ओर से कोई हलचल नहीं हो रही है।
चिमिनियों से निकलता है 25 प्रतिशत ज्यादा धुआं
खापरखेड़ा पवारप्लांट में 500 मेगावाट के चार यूनिट स्थापित हैं। चारों यूनिट के लिए दो चिमनियां लगाई गई हैं, लेकिन इन चिमनियों से अनुमान से 25 गुना ज्यादा धुआं निकलता है। इसको लेकर कई बार प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के पास शिकायत दर्ज कराइ जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद विभाग और अधिकारीयों की तरफ रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
सैकड़ो एकड़ की फसल हो चुकी है बर्बाद
वायरल हो रही तस्वीर में देखा जा सकता है कि, खापरखेड प्लांट से कितना धुंआ निकल रहा है। यह धुआं कई किलोमीटर के एरिया में फ़ैल रहा है। पिछले कई महीनो से कोरडी और खापरखेड़ा पवार प्लांट से निकलने धुएं के कारण आसपास के गांव प्रभावित है। वहीं हजारो हैक्टर फसल भी निकलने वाले राख के कारण बर्बाद हो चुकी है। इसको लेकर स्थानीय लोग और किसान लगातार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने गुहार तक लगा चुके हैं, लेकिन इस पर कोई भी कदम नहीं उठाया।
फूट चूका है ऐश डैम
ज्ञात हो कि, पिछले साल कोरडी पवार प्लांट का ऐश डैम फूट गया था, जिसके कारण कई गांव इसके चपेट में आगये थे। वहीं हजारो हेक्टर जमीन राख के निचे आ गई थी। जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ था। वहीं कई महीनो तक ग्रामीणों को साफ़ पानी के तरसना पड़ा था। हालांकि, इसके बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है, इसके बाद यह सवाल पूछे जाने लगा है कि, क्या बिजली मिलने की कीमत नागरिक अपनी जान देकर देंगे?

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