पॉलिसी को भी मालूम था "मी पुन्हा येइन", जानें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने क्यों कहा ऐसा

नागपुर: विधानसभा चुनाव हुए तीन साल होने को आ गए हैं। इस दौरान राज्य में दो बार सत्ता का परिवर्तन हो चुका है। लेकिन अभी भी तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का 'मी पुन्हा येइन' का बयान चर्चा में बना हुआ है। इसी बीच एक बार फिर फडणवीस ने मी पुन्हा येइन का जिक्र किया है। इसी के साथ उन्होंने उन्होंने यह भी कहा कि, सिर्फ उन्हें ही नहीं नई खनन नीति को भी विश्वास था कि, वह दोबारा वापस आ रहे हैं। शनिवार को उपमुख्यमंत्री नागपुर में मिनकॉन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान माइनिंग को लेकर बोलते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि, अगर हम दूसरे राज्यों को देखे तो वह अपनी खनन नीति से पैसा कमा रहे हैं, वहीं हमने इसे डंप कर दिया है। पिछली सरकार में नई खनन नीति बनाई गई थी। लेकिन सरकार जाने से सारी पॉलिसी वहीं के वहीं रह गई। लेकिन पॉलिसी को भी विश्वास था कि मैं वापस आने आने वाला हूँ।"
उन्होंने आगे कहा कि, यही कारण था कि, दो साल तक पुलिस ने मुँह ही बाहर नहीं निकला। उपमुख्यमंत्री ने आने वाली 26 जनवरी के दिन नई खनन नीति को मान्यता देने का आश्वासन दिया है।
उन्होंने आगे कहा, "खनन में नई तकनीक सभी को दिखाई जानी चाहिए। साथ ही इस उद्योग में चुनौतियों को सरकार के ध्यान में लाया जाना चाहिए। इस तरह के एक बहुउद्देश्यीय के साथ आयोजित किया गया था। प्रदर्शनी देखी। यहां ड्रोन और कृत्रिम तकनीक देखने को मिलती है। सस्टेनेबिलिटी के साथ माइनिंग का उद्देश्य पूरा किया जाना है।
खनन में पर्यावरण का दिया जाएगा ध्यान
उपमुख्यमंत्री ने कहा, भूमिगत शोषण किया, यह सभ्यता समाप्त हो गई। खनन हो या न हो, यह विवाद है। खनन दुष्प्रभावों को कम करके धन का सृजन कर सकता है। रोजगार सृजित किया जा सकता है। पर्यावरण मंजूरी में समय लगता है। फडणवीस ने यह भी कहा कि अगर कोई दिक्कत है तो उसे दूर किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, यदि सलाहकार खनन के लिए तैयार नहीं हैं तो हम विदेश से सलाहकार लाएंगे। जल, वायु, मिट्टी पर क्या प्रभाव पड़ता है। यातायात पर क्या प्रभाव पड़ता है? इन सबका अध्ययन किया जाएगा। कुछ खनन स्थलों को नीलामी के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

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