विदर्भ में मूसलाधार बारिश के लिए एक हफ्ता और करना होगा इंतजार; बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाली हवाएं हुईं कमजोर

नागपुर: विदर्भ में मॉनसून की धीमी रफ्तार ने किसानों और आम नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, नागपुर सहीत विदर्भ में मूसलाधार बारिश के लिए अभी कम से कम एक सप्ताह और इंतजार करना पड़ेगा। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाली नमीभरी हवाएं कमजोर हो गई हैं, जिससे बारिश की तीव्रता में कमी आई है।
मॉनसून की रफ्तार थमी
विदर्भ में जून के पहले सप्ताह में हल्की बारिश ने दस्तक तो दी, लेकिन उसके बाद से मॉनसून सुस्त पड़ गया है। बंगाल की खाड़ी में कोई सक्रिय सिस्टम विकसित नहीं हो रहा, वहीं अरब सागर से भी नमी का प्रवाह कमजोर पड़ा है, जिससे बादलों का पर्याप्त संकलन नहीं हो पा रहा।
हल्की फुहारें, लेकिन नहीं मूसलाधार
मौसम विभाग ने बताया है कि अगले 5 से 7 दिनों तक विदर्भ के नागपुर, वर्धा, अमरावती, अकोला, यवतमाल, चंद्रपुर और गढ़चिरौली जिलों में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हालांकि मूसलाधार बारिश की कोई संभावना फिलहाल नहीं है।
IMD नागपुर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया, “बंगाल की खाड़ी में नया लो प्रेशर ज़ोन बनने की संभावना अगले कुछ दिनों में है। यदि सिस्टम सक्रिय होता है, तो मॉनसून फिर से गति पकड़ेगा और विदर्भ में व्यापक वर्षा हो सकती है।”
किसानों पर असर, बुवाई में देरी
खरीफ फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल मौसम का अब तक इंतजार हो रहा है। कई किसानों ने खेत तैयार कर लिए हैं, लेकिन लगातार बारिश न होने से बोआई शुरू नहीं कर पा रहे। विदर्भ में कपास, सोयाबीन और अरहर जैसी फसलें प्रमुख हैं, जो जून के अंत तक बोई जाती हैं। मौसम में देरी से कृषि चक्र प्रभावित हो सकता है। मौसम विभाग ने किसानों से थोड़ा इंतजार करने और मूसलाधार बारिश शुरू होने के बाद बुवाई का आवाहन किया है।
उमस से लोग बेहाल
बारिश की कमी और बादलों के अभाव में विदर्भ के कई शहरों में दिन के तापमान में बढ़ोतरी और रात में भारी उमस दर्ज की जा रही है। नागपुर और चंद्रपुर में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

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