वन्यजीव और मानव संघर्ष बढ़ा, जनता में डर का माहौल; संघर्ष रोकने वन विभाग ने उठाए कई कदम

नागपुर: जंगलों में रहने वाले बाघ अपने दायरे को तोड़कर इंसानो के बेहद करीब पहुंच रहे है. जिस वजह से जंगली-जानवरो के साथ इंसानो का संघर्ष बढ़ रहा है. बीते एक साल में पेंच टाइगर रिजर्व के आस पास बसें गावों में हुई घटनाओं में 10 से अधिक लोगों की मौत हुई है. इसी महीने 12 जनवरी को हुई घटना में एक किसान की मौत हुई थी. एक ओर जहां टाइगर रिजर्व के आस पास रहने वाले गावों के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है तो वही दूसरी ओर वन्यप्राणी और इंसानों के संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग कई तरहों के नए कदम उठाते हुए भी दिखाई दे रहा है।
पेंच टाइगर रिजर्व के अगल-बगल बसें गावों में बीते कुछ वक्त से दहशत का माहौल है. इंसानो के एकदम नजदीक बाघ,तेंदुए के ही साथ ऐसे जंगली जानवरो की मौजूदगी की वजहसे टाइगर रिजर्व के इर्द गिर्द बसें गावों में नागरिक डर के साये में जीने को मजबूर है. इसी महीने 12 तारीख को परशिवनी के आमगांव में दोपहर के समय काम कर रहे सहदेव सूर्यवंशी नामक किसान की बाघ के हमलें में मौत हो गयी थी. इस गांव में रहने वाले हर शख़्स ने कभी न कभी बाघ के दीदार किये है या उसकी अपने बेहद करीब होने की आहत को महसूस किया है. सुभाष धोटे खेत मजदुर है। 12 तारीख की घटना के समय सुभाष पास के ही खेत में काम कर रहे थे. और घटना के दो दिन पहले उन्होंने बाघ के प्रत्यक्ष दर्शन भी किये थे.
गांव में हुई इस हालिया घटना के बाद सुभास सहमे हुए है. डर की वजह से उन्होंने खेत में काम पर जाना बंद कर दिया है. उनका काम बकरी चराने का है उन्होंने इस घटना के बाद अपनी बकरियों को बेच दिया है. किसान के हमले में मृत सहदेव के घर में मातम पसरा हुआ है. सहदेव की पत्नी जंगल से निकलकर इंसानो की बस्ती में विचरण कर रहे बाघों पर नियंत्रण के साथ उचित मदत की मांग कर रही है.
पेंच टाइगर रिजर्व के आसपास इन दिनों पांच बाघों के लगातार विचरण किये जाने की जानकारी ग्रामीणों ने दी है. हालाँकि इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है. बावजूद इसके वन विभाग नागरिकों की बात को मानते हुए बाघों को नियंत्रित किये जाने के प्रयास में जुटे होने का दावा कर रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक बाघ की दहशत के बीच उनका बड़ा नुकसान हो रहा है.
यूसीएन न्यूज़ की टीम जिस समय आमगांव ने मौजूद थी वो दिन था शुक्रवार का और रात को आठ बज रहे थे. लेकिन सारे गांव में सन्नाट था. हमें अपनी आप बीती और बातों को बताने के लिए ये सभी ग्रामीण इकट्ठा हुए थे. बाघ की वजह से ग्रामीणों की दिक्कतों के बीच वन विभाग जंगली जानवरों और इंसानो के संघर्ष को रोकने के लिए कई तरह के कदम भी उठा रहा है. बीते एक साल में पेंच टाइगर रिजर्व के आस पास के इलाकों में बाघ के हमलों में 10 से अधिक ग्रामीणों की मृत्यु हुयी है.
पेंच में मौजूदा समय में 55 बाघ है. जो स्थिति उसके मुताबिक वो जंगल के अपने दायरे को तोड़ रहे है. इससे मानव से उनका संघर्ष बढ़ रहा है. इस संघर्ष को रोकने के लिए ग्रामीणों के बीच जनजागृति की जा रही है. और तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है. जंगली जनवरों पर निगरानी रखने के लिए वर्चुअल वॉल टाईगर रिजर्व के बफर ज़ोन में लगाए गए है. इसके साथ ही आपात स्थिति में जंगली जानवरो से बचाव के लिए ग्रामीण युवकों को अपने साथ जोड़कर प्राईमरी रिस्पॉस टीम तैयार की गयी है.

admin
News Admin