logo_banner
Breaking
  • ⁕ प्रशासन द्वारा समय पर लिया गया सुओ मोटो, राजुरा विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाता पंजीकरण को रोकने में सफल ⁕
  • ⁕ Nagpur: खापरखेड़ा पुलिस की बड़ी कार्रवाई; अवैध रेती तस्करी का भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ नागपुर में 'I LOVE Muhammad' की दस्तक; ताजबाग इलाके में लगे बैनर, पुलिस जाँच शुरू ⁕
  • ⁕ Bhandara: विधायक के कार्यक्रम में बड़ा हादसा, गायन कार्यक्रम के दौरान मंच गिरा; विधायक नरेंद्र भोंडेकर और कई कार्यकर्ता नीचे गिरे ⁕
  • ⁕ विदर्भ में 1 से 5 अक्टूबर तक मूसलाधार बारिश का खतरा, IMD ने जारी किया 'येलो' अलर्ट; किसानों की चिंता बढ़ी ⁕
  • ⁕ ‘लाडली बहन योजना’ लाभार्थियों को तकनीकी अड़चनों का करना पड़ रहा सामना, ई-केवाईसी प्रक्रिया में समस्या से महिलाओं में नाराजगी ⁕
  • ⁕ राज्य में अतिवृष्टि से हुआ 60 लाख हेक्टेयर में लगी फसलों का नुकसान, मुख्यमंत्री ने कहा- अकाल के दौरान किये जाने वाले सभी उपाए किये जाएंगे लागु ⁕
  • ⁕ Gadchiroli: श्रीरामसागर जलाशय से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी, गढ़चिरोली के सिरोंचा में बाढ़ आने की आशंका ⁕
  • ⁕ Yavatmal: यवतमाल के वणी में आदिवासी समाज का भव्य आरक्षण बचाव मोर्चा ⁕
  • ⁕ पश्चिम विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ का विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ में विलय, विधायक सुधाकर अडाबले ने निर्णय का किया स्वागत ⁕
National

नामीबिया से लाई मादा चिता शाशा की मौत, वन विभाग ने कहा-दोनों किडनी हो गई थी ख़राब


भोपाल: नामीबिया से लाये गए चीतों में से एक मादा चीता शाशा की मौत हो गई है। दोनों किडनिया ख़राब होने के कारण मादा चीता की मौत हुई है। इस बात की जानकारी कूनो नेशनल पार्क के सोमवार को प्रेसनोट जारी कर दी। 

ज्ञात हो कि, देश में चीतों को पुनः बसाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने अफ़्रीकी देश नामबिया से आठ चीते लाए थे। जिनमें पांच नर और तीन मादा चीता थी। सितंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर सभी को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया। करीब एक महीने की क्वारंटाइन के बाद इन्हे जंगल में छोड़ा गया।

वन विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, 22 जनवरी 2023 को चीतों की मॉनिटरिंग टीम को शाशा सुस्त दिखाई दी। इसके बाद टीम ने उसे क्वारंटाइन सेंटर लाया गया। इसके बाद जब उसकी जांच की गई तो पता चला की शाशा की दोनों किडनी ख़राब हो गई है। यह जानकारी सामने आते ही तुरंत नामीबिया सरकार से संपर्क किया गया, जहां पता चला की भारत आने से पहले अगस्त महीने में जब शाशा के खून की जांच की गई थी तो उसमें क्रेटीन लेवल 400 पाया गया था। भारत आने से पहले ही शाशा की किडनी ख़राब हो गई थी। 

तीन महीने तक चला इलाज 

कूनो नेशनल पार्क के स्वास्थ्य कर्मियों ने नामीबिया के विशेषज्ञ डॉ. इलाई वॉकर के साथ मिलकर दो महीने तक लगातार शाशा का इलाज किया, लेकिन इसके बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका और सोमवार को उसकी मौत हो गई।